Ex CJI Ranjan Gogoi: सामाजिक कार्यकर्ता और असम स्थित एक एनजीओ के पदाधिकारी ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया गया है. मामले में दावा किया गया है कि उनकी आत्मकथा में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के संदर्भ में कुछ गलत बातें कही गई हे.
अभिजीत शर्मा ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ मामला दायर किया है. याचिकाकर्ता अभिजीत शर्मा ने कामरूप (मेट्रो) जिले और गुवाहाटी में सिविल जज कोर्ट में गोगोई के खिलाफ एक करोड़ रुपये का मानहानि मुकदमा दायर किया है. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व सीजेआई की आत्मकथा 'जस्टिस फॉर द जज' पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है. एनजीओ असम पब्लिक वर्क्स के अध्यक्ष शर्मा राज्य में एनआरसी से संबंधित विभिन्न मामलों में मुखर रहे हैं.
तीन जून को होगी अगली सुनवाई
अभिजीत शर्मा ने पहले असम में 1951 के एनआरसी को अद्यतन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी. साथ ही मामले के लंबित रहने के दौरान हाई कोर्ट की निगरानी में 2015 में असम में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू हुई थी. शर्मा ने अदालत में अपनी याचिका में बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद, पूर्व सीजेआई ने एनआरसी के समन्वयक रहे प्रतीक हजेला को पद से हटाने और उन्हें मध्य प्रदेश में स्थानांतरित करने के संबंध में कुछ बातें लिखी वो गलत बातें हैं. साथ ही मानहानिकारक प्रकृति की हैं. मामले की अगली सुनवाई तीन जून को होगी.
जानकारी के मुताबिक रंजन गोगोई की आत्मकथा में कई बातों का जिक्र है. गोगोई ने बेंच के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर ऐतिहासिक फैसले बाद हुई पार्टी का भी जिक्र किया है. उन्होंने आत्मकथा में लिखा कि 'राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर 9 नवंबर, 2019 को सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद मैं उस बेंच के अन्य जजों को डिनर के लिए होटल ताज मानसिंह लेकर गया था.
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