Tamil Nadu Politics: दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता (J Jayalalithaa) की करीबी मित्र वीके शशिकला (VK Sasikala) और उनके परिजनों को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) से बाहर निकालने के लिए कभी ‘धर्मयुद्ध’ शुरू करने वाले तमिलनाडु (Tamil Nadu) के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (O Panneerselvam) पार्टी नेतृत्व के लिए जारी संघर्ष के बीच अब शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन (TTV Dhinakaran) के साथ नजदीकियां बढ़ा रहे हैं.


अपदस्थ समन्वयक ओपीएस एक छोटे गुट का नेतृत्व करते हुए अम्मा (दिवंगत जे जयललिता) के वफादारों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि अन्नाद्रमुक के प्रबल गुट का नेतृत्व कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी पर पार्टी में दोहरे नेतृत्व को लेकर दबाव बढ़ाया जा सके.


क्या है पलानीस्वामी का रुख?


हालांकि, पलानीस्वामी ने मेल-मिलाप के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं और जोर देकर कहा है कि अन्नाद्रमुक को निष्क्रिय बनाने वाले ओपीएस और उनके कुछ समर्थकों का पार्टी में कोई स्थान नहीं है. अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (AMMK) के महासचिव दिनाकरन ने कहा, ''दो पत्तियों वाले चुनाव चिह्न के बिना अन्नाद्रमुक कुछ भी नहीं है और वह 2024 के लोकसभा चुनावों में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) से प्रतिस्पर्धा कर पाने की स्थिति में नहीं होगी.''


दिनाकरन ने दावा किया कि न केवल पार्टी कार्यकर्ता, बल्कि जनता भी इस चुनाव चिह्न को पूरी तरह से वापस लाने वाले नेतृत्व का समर्थन करेगी. स्थिति भांपने के उद्देश्य से पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार (18 नवंबर) को अन्नाद्रमुक के सभी गुटों को एकजुट बनाने के लिए दिनाकरन से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी. पन्नीरसेल्वम ने कहा, ‘‘अगर दिनाकरन से मिलने का मौका मिला तो मैं उनसे मिलूंगा.’’


पन्नीरसेल्वम बुलाएंगे यह अहम बैठक


स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इससे पहले ओ पन्नीरसेल्वम ने शुकवार को ही दावा किया कि वह जल्द आम परिषद की बैठक बुलाएंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी में जिला सचिवों की नियुक्तियां चल रही हैं, यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद महापरिषद की बैठक बुलाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जिला सचिवों की बैठक अलग से आयोजित की जाएगी. 


ओ पन्नीरसेल्वम तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. वह पहली बार 2001 में छह महीने के लिए सीएम बने. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को कार्यालय संभालने से रोक दिया था. इसके बाद 2014-15 में पन्नीरसेल्वम दोबारा मुख्यमंत्री बने जब आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को सीएम पद छोड़ना पड़ा था. 2016 में जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था. 


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