पंचकुला: 1990 के चर्चित रुचिका गिहरोत्रा छेड़खानी मामले में दोषी करार दिए जा चुके एसपीएस राठौर को सरकारी मंच पर जगह देने को लेकर विवाद हो गया है. सवाल ये है कि जो व्यक्ति छेड़खाड़ी के केस में जेल जा चुका है उसे खट्टर सरकार सम्मानित क्यों कर रही है?

क्यों हुआ विवाद?

हरियाणा के पंचकुला में एसपीएस राठौर की पहचान हरियाणा के पूर्व डीजीपी के तौर पर की जाती है. एसपीएस राठौर  चर्चित रुचिका गिरहोत्रा केस का दोषी है और जेल भी जा चुका है. बावजूद इसके उसे पंचकुला में गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकारी मंच पर आगे की पंक्ति में उसे बिठाया गया. इसे लेकर कांग्रेस ने खट्टर सरकार पर हमला बोल दिया है.



कौन है एसपीएस राठौर?

पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर पर 1990 में 14 साल की टेनिस प्लेयर रुचिका गिरहोत्रा से छेड़छाड़ का आरोप लगा था. राठौर पर रुचिका के परिवार को प्रताड़ित करने का भी आरोप था.  छेड़छाड़ से तंग आकर रुचिका ने 1993 में आत्महत्या कर ली थी.

जमानत पर बाहर है राठौर

हालांकि लंबी लड़ाई के बाद रुचिका के पिता को इंसाफ मिला और राठौर को निचली अदालत ने 6 महीने की सजा सुनाई. बाद में हाईकोर्ट ने राठौर की सजा डेढ़ साल और बढ़ा दी. राठौर को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली हुई है.

खट्टर सरकार पर उठे सवाल

अब सवाल ये है कि जिस हरियाणा से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हुई वहीं पर एक बेटी से छेड़छाड़ के आरोपी को खट्टर सरकार क्यों सम्मानित कर रही है?