P. Chidambaram On Budget: नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार ने 1 फरवरी, बुधवार, को अपना आखिरी पूर्ण बजट पेश किया, इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. इसी क्रम में देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं को लेकर हल्ला हो रहा है लेकिन एक विकासशील देश में व्यक्तिगत बचत के महत्व को 'छोड़ दिया' गया है.


उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ज्यादातर लोगों के लिए प्रदत्त सुरक्षा तंत्र के अभाव में व्यक्तिगत बचत ही एकमात्र सामाजिक सुरक्षा है. नई कर व्यवस्था का रहस्य उजागर हो रहा है, जिसको लेकर उन्होंने गुरुवार को प्रमुख अखबारों में विश्लेषण की ओर भी इशारा किया. पी. चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लगातार ट्वीट किए और कहा, ‘अगर आप एक करदाता हैं, तो नतीजों पर न जाएं. अपना गणित लगाएं और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की सलाह लें.’


क्या कहा गया है इन ट्वीट्स में?


उन्होंने कहा, “मुझे इस बात का खेद है कि ओटीआर (ओल्ड टैक्स रिजिम) और एनटीआर (न्यू टैक्स रिजिम) के इस हो-हल्ला में एक विकासशील देश में व्यक्तिगत बचत के महत्व को भुला दिया गया है.” इससे पहले बुधवार, 1 फरवरी को उन्होंने कहा था, ‘नई टैक्स प्रणाली अपनाने वाले लोग बहुत कम हैं. इसलिए इसका लाभ कुछ लोगों तक ही सीमित है. सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग नई टैक्स प्रणाली को मजबूर होकर अपनाएं. सरकार ज्यादातर टैक्स पेयर्स को लाभ नहीं दे सकी है.’






चिदंबरम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, ‘वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी, असमानता जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया है. उन्होंने दयालुता दिखाते हुए अपने भाषण में दो बार गरीब शब्द का उपयोग किया है. मुझे यकीन है कि भारत के लोग इस पर ध्यान देंगे कि कौन सरकार के सरोकार में है और कौन नहीं.’


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