Ex-IAS Anil Swarup Interview: मोदी के अफसर ने खोले मायावती, मुलायम सिंह से जुड़े गहरे राज! बोले- जब मुझे रात को फोन आया...
Anil Swarup: Ex-IAS अधिकारी अनिल स्वरूप ने एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं के साथ अपने करियर का अनुभव शेयर किया, जिनमें महत्वपूर्ण घटनाएं और राजनीतिक फैसले शामिल हैं.
IAS Anil Swarup: Ex-IAS अधिकारी अनिल स्वरूप ने एक हालिया इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ अन्य प्रमुख नेताओं के साथ काम करने के अपने अनुभव शेयर किए. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के साथ उनका पहला संपर्क एक मीटिंग में हुआ था, जहां वे कोयला सचिव के रूप में मौजूद थे. इस बैठक में जब ऊर्जा सचिव ने कोयला क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा की पीएम मोदी ने अनिल स्वरूप से सवाल किया.
स्वरूप ने पीएम को बताया कि केवल कोयले की स्थिति को सुधारने से ही ऊर्जा क्षेत्र की समस्याएं हल नहीं होंगी. उन्होंने आगे कहा कि कोयला और ऊर्जा दोनों क्षेत्रों को समग्र दृष्टिकोण से देखना जरूरी है, जिस पर पीएम मोदी ने अपनी सहमति जताई और तत्कालीन मंत्री पीयूष गोयल से इस पर चर्चा की. ये घटना अनिल स्वरूप के लिए खास रही, क्योंकि इसके बाद पीएम मोदी और उनके संबंध काफी अच्छे हो गए.
कल्याण सिंह जी के साथ काम करने का अनुभव
अनिल स्वरूप ने कल्याण सिंह जी के साथ अपने कार्यकाल को भी याद किया. उन्होंने बताया कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस के दिन वे अकेले ही कल्याण सिंह जी के साथ मौजूद थे और उस समय उन्होंने स्थिति को शांतिपूर्वक संभालने का प्रयास किया. स्वरूप ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी उसी लाइन पर था जो कल्याण सिंह जी का था. इसके अलावा उन्होंने ये भी उल्लेख किया कि जब मुलायम सिंह यादव मुस्लिम समुदाय से बातचीत करते थे तो वे यही कहते थे कि आप हमें शांति पूर्वक ये जगह सौंप दें इसके बदले में आप जहां कहेंगे हम आपको मस्दिद बनवा कर देंगे.
मायावती के साथ कार्यकाल और उनका व्यक्तित्व
स्वरूप ने बताया कि मायावती के साथ विशेष सचिव के रूप में कार्य करना उनके लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव था. उनका कहना था कि मायावती एक बहुत ही सक्षम और मजबूत नेता थीं, जिनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता था, लेकिन उनका ये भी कहना था कि कल्याण सिंह जी के साथ उनका कार्यकाल उतना सुखद था कि उन्हें यकीन नहीं होता था कि कोई नेता इतना ईमानदार और साफ-सुथरी छवि वाला हो सकता है.
अनिल स्वरूप ने एक घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि एक दिन जब वह मुख्यमंत्री के साथ बैठे थे तो एक अधिकारी आया और उसके पास उस समय एक बैग था, लेकिन जब अधिकारी बाहर आया तो वो बैग वापस नहीं लाया. जब उन्होंने कल्याण सिंह जी से पूछा तो उन्होंने कहा कि वह बैग में कुछ कागजात थे, लेकिन स्वरूप को उस पर शक हुआ.
अनिल स्वरूप ने शेयर किया कल्याण सिंह जी का ईमानदारी का अनुभव
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