नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुप्रीम कोर्ट परिसर में आने और चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि जजों को राजनीतिक दायरे से दूर रहना चाहिए लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि वे एकांतवास में रहें.


पूर्व जस्टिस ने कहा, ''मुझे नहीं पता आपका दूरी से क्या अर्थ है? क्या आप यह कह रहे हैं कि मुझे प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं देखना चाहिए? प्रधानमंत्री को सार्वजनिक कार्यक्रम में आमंत्रित करने में कुछ भी गलत नहीं था. सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खोलना पूरी तरह से सही था.''


उनसे सीजेआई गोगोई के प्रधानमंत्री की सीजेआई का अदालती कक्ष देखने की इच्छा पर सहमत होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''आप इसमें बहुत ज्यादा गहराई में जा रहे हैं और इसे बहुत ज्यादा खींच रहे हैं.'' गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने 25 नवंबर को बिमस्टेक देशों (बांग्लादेश, भूटान, म्यामां, नेपाल और थाईलैंड) के जस्टिसों के लिए आयोजित डिनर में प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था.


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