नीमच: जाने माने कवि और पूर्व सांसद बालकवि बैरागी का उनके गृह नगर मनासा में रविवार शाम निधन हो गया. वह 87 साल के थे. उनके बेटे गोरकी ने बताया कि दोपहर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह घर लौटे. इसके बाद वह आराम करने के लिए अपने कमरे में चले गए. उन्होंने बताया कि नींद में ही उनका निधन हो गया.


बालकवि बैरागी 1980 से 1984 तक मध्यप्रदेश के मंत्री रहे और साल 1984 से 1989 तक लोकसभा के सदस्य रहे. वे बाद में राज्यसभा के सदस्य भी रहे. बैरागी ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए 25 से अधिक गीत भी लिखे, जिनमें से फिल्म 'रेशमा और शेरा' का बेहतरीन गीत ‘तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे’ शामिल है. उन्होंने कई हिन्दी कविताएं भी लिखीं, जिनमें से ‘झर गये पात बिसर गये टहनी’ प्रसिद्ध है.


बैरागी नीमच जिले के मनासा इलाके में रहते थे. उनका जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की मनासा तहसील के रामपुरा गांव में 10 फरवरी 1931 को हुआ था. उनके जन्म का नाम नंदराम दास बैरागी था.


'दुनिया में इस जीवन को जी लेना एक तपस्या है, पता नहीं किसने समझाया जीवन एक समस्या है' ऐसी कविताएं लिखने वाले बैरागी के इस दुनिया से चले जाना साहित्य जगह के लिए एक बड़ी क्षति है. इनकी कविताएं ओजगुण सम्पन्न हैं. 'गौरव-गीत, 'दरद दीवानी, 'दो टूक, 'भावी रक्षक देश के' बालकवि बैरागी के मुख्य काव्य-संग्रह हैं.