श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए नेशनल कांफ्रेंस पार्टी (एनसी) छोड़ने वाले जुनैद अजीम मट्टू भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीपुल्स कांफ्रेंस के समर्थन से मंगलवार को श्रीनगर नगर निगम के महापौर निर्वाचित हुए. नगर निगम के आयुक्त पीर हफीजुल्ला ने कहा कि मट्टू ने 40 वोट हासिल किये जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार गुलाम रसूल हजाम 26 वोट मिले.


मट्टू ने सितंबर में नेशनल कांफ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से उस समय इस्तीफा दे दिया था जब पार्टी ने केन्द्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 35ए पर अपनी स्थिति साफ करने तक शहरी स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था.


इस अनुच्छेद को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. मट्टू ने चार वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नगर निगम चुनाव लड़ा और इनमें से तीन में उन्होंने जीत दर्ज की. बीस अक्टूबर को चुनाव के नतीजे घोषित होने के कुछ घंटे बाद पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जाद गनी लोन ने उन्हें महापौर उम्मीदवार घोषित किया था.


श्रीनगर नगर निगम में कांग्रेस 16 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन वह निगम का नियंत्रण हासिल करने के लिए जरूरी 38 सीटों से बहुत पीछे थी. पीपुल्स कांफ्रेंस के चार और बीजेपी के पांच उम्मीदवार निगम में निर्वाचित हुए. इनके अलावा 53 निर्दलीय पार्षद हैं.


पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री रहे लोन ने मट्टू के निर्वाचन के लिए समर्थन जुटाने में अहम भूमिका निभाई है. इसमें पीडीपी के बागी विधायक और प्रभावशाली शिया नेता इमरान रजा अंसारी की भूमिका भी अहम रही.


हालांकि, मट्टू के नगर निगम के महापौर के रूप में निर्वाचन पर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की टिप्पणियों का साया रहा. मलिक ने पिछले महीने एक निजी टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में ये टिप्पणियां की थीं.


मलिक ने मट्टू का नाम लिये बिना कहा था कि श्रीनगर को ''विदेश में शिक्षित महापौर'' मिल रहा है जो चुनावों में भाग नहीं लेने वाले एनसी और पीडीपी जैसे क्षेत्रीय दलों में परेशानी पैदा करेगा.


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