जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में लागू हुए नए भूमि कानूनों पर चल रही राजनीतिक रस्साकशी के बीच, प्रदेश में रह रहे पूर्व सैनिकों और उनके परिवार इस नए कानूनों के समर्थन में उतर आये हैं. इन पूर्व सैनिकों का दावा है कि अगर देश के सैनिक जम्मू कश्मीर में अपने प्राणों की आहुति दे सकते हैं तो फिर वो प्रदेश में भूमि क्यों नहीं खरीद सकते?
जम्मू कश्मीर में हाल ही में लागू हुए नए भूमि कानून के तहत अब देश का कोई भी नागरिक प्रदेश में कृषि भूमि को छोड़ बाकि ज़मीन खरीद सकता है. प्रदेश के भूमि कानूनों में हुए इस बदलाव पर जम कर राजनीति हो रही है. विपक्ष, बीजेपी पर इस कानून के ज़रिये जम्मू कश्मीर को बेचने का आरोप लगा रहा है. इन सब के बीच जम्मू में पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों ने इस बदले हुए भूमि कानूनों का स्वागत किया है.
जम्मू में इन पूर्व सैनिकों और उनके परिवार वालों ने इन नए कानूनों के समर्थन में रैली निकली. इन सैनिकों का दावा था कि 1947 से आज तक देश भर के हज़ारों वीर जवानों ने प्रदेश की रक्षा के लिए अपनों प्राणो की आहुति दे दी और अगर अब उन्हीं सैनिकों के परिजन जम्मू कश्मीर में ज़मीन खरीदना चाहते हैं, तो कुछ नेताओं को इसमें भी परेशनी हो रही है.
इन पूर्व सैनिकों ने सवाल किया कि क्या देश के वीर सपूत जम्मू कश्मीर में सिर्फ अपने प्राणों की आहुति देने के लिए आ सकते है. कानून का विराध करनेवालों में शामिल सभी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इन पूर्व सैनिकों ने कहा कि अगर यह नेता देश के किसी भी राज्य में ज़मीन खरीद सकते हैं तो देश का कोई नागरिक जम्मू कश्मीर में भूमि क्यों नहीं खरीद सकता?