कोरोना महामारी के इस दौर में एक शख्स ने दोस्ती का फर्ज निभाते हुए मौत से जंग लड़ रहे अपने दोस्त की ना सिर्फ जिंदगी बचाई बल्कि मानवता की बेहतरीन मिसाल पेश की. इसे सुनकर आपके भी हाथ इस मुश्किल घड़ी में लोगों की मदद के लिए आगे बढ़ जाएंगे.


कोरोना से जंग में दोस्त ने बचाई जिंदगी


जी हां, दरअसल नोएडा में राजन नाम के एक शख्स को कोरोना हो गया. उसके पास जो पहले से ऑक्सीजन थी वो खत्म हो रही थी. उसकी देखभाल करने वाले एक शख्स ने झारखंड में उसके बचपन के एक दोस्त को फोन किया और बताया कि राजन की तबीयत खराब है और ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है. उन्होंने फोन पर आगे बताया कि नोएडा में ऑक्सीजन का कहीं पर भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है, इसलिए ऑक्सीजन लेकर नोएडा आ जाओ.


दोस्त की मदद के लिए किया 1400 किलोमीटर का सफर


फिर क्या था, इतना सुनते ही राजन के दोस्त देवेंद्र ने जो कि उस वक्त रांची में मौजूद था अपनी बाइक उठाई और सीधा बोकारो पहुंचा. वहां से ऑक्सीजन का इंतजाम किया अपने दोस्त की कार ली और सीधा 14 सौ किलोमीटर का सफर तय करते हुए नोएडा पहुंचा और अपने दोस्त की जान बचाई.


देवेन्द्र ने खुद बताई दास्तान


एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में देवेंद्र ने बताया कि अगर वह कुछ देर और ना आता तो शायद वो अपने दोस्त को ना बचा पाता. उन्होंने बताया "शनिवार रात को मेरे पास फोन आया कि राजन की तबीयत काफी बिगड़ रही है और एक सिलेंडर जो हमारे पास था ऑक्सीजन का वह खत्म होने वाला है यहां पर हॉस्पिटल में बेड का इंतजाम नहीं हो पा रहा था. उसके बाद संजय भैया उसको घर से लेकर अपने यहां पर लाए. उसकी केयर भैया ही कर रहे थे. सिलेंडर भी भैया ने ही अरेंज किया. वह सिलेंडर धीरे-धीरे खत्म हो रहा था. भैया ने बताया कि सभी जगह तलाश लिया है लेकिन सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है. ऑक्सीजन नहीं मिलेगी तो कुछ भी हो सकता है.


देवेन्द्र ने आगे बताया- मैं रात में ही रांची से बाइक से बोकारो पहुंचा सभी एक सिलेंडर का इंतजाम किया गाड़ी अपने फ्रेंड से ली. गाड़ी सिलेंडर लेकर सीधा दिल्ली आ गया. मैं पहुंचा हूं और वह ऑक्सीजन खत्म हुई है. अगर मैं आधा घंटा भी अगर मैं लेट होता तो शायद मेरा आना व्यर्थ हो जाता. लेकिन मैं सही वक्त पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंच गया था.


बिना सोए लगातार किया इतना लंबा सफर


इतना ही नहीं देवेंद्र ने यह भी बताया कि 1400 किलोमीटर के सफर के दौरान उसे कुछ मुश्किल आई. लेकिन सभी मुश्किलों को पार करते हुए वह नोएडा तक पहुंच गया. दरअसल देवेंद्र अकेला नहीं था बल्कि उसके साथ राजन का भाई भी था. दोनों रविवार को ऑक्सीजन का सिलेंडर लेकर निकले और 16 घंटे तक लगातार गाड़ी चलाते रहे. कभी गाड़ी देवेंद्र चला रहा था तो कभी राजन का भाई. इस पूरे सफर में सिर्फ एक ही बार गाड़ी रोकी.


देवेंद्र ने बताया कि "1400 किलोमीटर गाड़ी चली थी बिना कहीं रुके हुए बिना कहीं सोए हुए लगभग 15 घंटे में 15-16 घंटे में हम लोग पहुंच गए थे. काफी जाम भी हमें मिला था बनारस में लेकिन सारे जाम को हटाते हुए निकलते हुए हमने कोशिश की कि जितना जल्दी हम पहुंच सकते हैं उतना जल्दी पहुंच जाएं रुकना मेरे लिए कहीं संभव नहीं था" 


देवेंद्र ने बताया कि राजन उसका बचपन का दोस्त था 10वीं तक दोनों ने एक साथ पढ़ाई की थी. इसके बाद राजन आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गया और उसकी नौकरी भी दिल्ली में ही लग गई. दोस्ती की इस कहानी ने कोरोना केस काल में एक शानदार मिसाल पेश की है.