Petrol Diesel Prices Reduction: केंद्र और कुछ राज्य सरकारों ने पेट्रोल-डीजल के दाम घटाकर दिवाली पर तोहफा दिया है. त्योहार के सीजन में महंगाई की मार से थोड़ी ही सही मगर राहत मिली है. इस फैसले से हर घर के बजट पर असर पड़ना तय है. बुधवार की शाम को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर पांच रूपये एक्साइज घटाया तो डीजल पर दस रूपये एक्साइज घटा दिया. देखते ही देखते कई राज्य सरकारों ने अपने हिस्से का वैट घटाया और पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दाम कुछ नीचे आ गए.
यूपी में पेट्रोल-डीजल 12 रुपये सस्ता
चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर केंद्र ने 5 रूपये घटाए तो योगी सरकार ने 7 रूपये यानी कुल 12 रूपये की कमी की है. इसी तरह डीजल पर यूपी ने दो रूपये घटाए जबकि केंद्र 10 रूपये घटा चुका था नतीजा डीजल 12 रूपये सस्ता हो गया. इसका आम इंसान पर क्या फर्क पड़ेगा इसे कुछ इस तरह समझते हैं . यूपी में अब पेट्रोल 12 रूपये सस्ता है. अगर कार में 40 लीटर पेट्रोल से टैंकफुल करवाते हैं तो 480 रूपये की बचत होगी. इसी तरह बाइक का दस लीटर पेट्रोल से टैंकफुल करवाते हैं तो 120 रूपये की बचत होगी.
यूपी में डीजल 12 रूपये सस्ता है. ट्रक के 300 लीटर के डीजल टैंक को फुल करवाने पर 3600 रूपये की बचत होगी. छोटी ही सही ये राहत पेट्रोल डलवाने आए लोगों को ये राहत जरूर महसूस हुई. वैसे चुनावी राज्य होने के कारण राहत को सत्तारूढ बीजेपी को भी महसूस हुई होगी क्योंकि अब पेट्रोल और डीजल के रेट चुभने लगे थे. वैसे कई राज्यों ने यूपी से ज्यादा राहत दी है.
BJP शासित 9 राज्यों में सस्ता हुआ पेट्रोल
असम, त्रिपुरा, मणिपुर ने पेट्रोल और डीजल पर सात-सात रूपये घटाए जिससे पेट्रोल 12 रूपये और डीजल 17 रूपये सस्ता हो गया. हरियाणा की खट्टर सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर राहत दी है. इसके बाद राज्य में 12 रुपये पेट्रोल और डीजल सस्ता हो जाएगा. गुजरात, कर्नाटक, गोवा भी इसी राह पर चले. पेट्रोल-डीजल पर सात-सात रूपये की कमी से यहां भी पेट्रोल 12 रूपये और डीजल 17 रूपये सस्ता हो गया. पर उत्तराखंड सरकार ने पेट्रोल पर 2 रूपये वैट घटाया लेकिन डीजल पर कोई राहत नहीं दी. नतीजा पेट्रोल 7 रूपये सस्ता हुआ तो डीजल 10 रूपये. बिहार सरकार ने भी 1.30 पैसे पेट्रोल से वैट कम किया जबकि डीजल से 1 रूपये 90 पैसे.
राजस्व पर क्या होगा असर?
पेट्रोल 6 रूपये तीस पैसे सस्ता हुआ जबकि डीजल 11 रूपये नब्बे पैसे. वैसे केंद्र के ऐलान के बाद कांग्रेस शासित राज्यों के पाले में गेंद आ गिरी है और उन पर भी दाम घटाने का दवाब होगा पर मोदी सरकार जानती है कि खजाने की हालत बेहतर हो रही है- जैसे बाजारों में रौनक लौट आई, जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल से कम कमाई से काम चलाया जा सकता है
इस फैसले से केंद्र के राजस्व में प्रति माह 8,700 करोड़ रुपये की कमी आएगी. चालू वित्त वर्ष में बाकी बचे वक्त में सरकार को 43,500 करोड़ रुपये का कम राजस्व हासिल होगा. इसी तरह का नुकसान राज्य सरकारों को भी उठाना पड़ेगा। लेकिन महीनों से आम जनता का पेट्रोल डीजल पर भारी टैक्स देकर बजट बिगड़ चुका है जिसमें अब राहत मिलेगी. पेट्रोल डीजल सस्ता होने से परिवहन लागत में कमी आएगी जिससे महंगाई की रफ्तार रूकेगी. साथ ही, रबी के सीजन में सस्ते डीजल से किसानों को भी फायदा होगा. साथ ही महंगाई की बढ़ती रफ्तार पर भी इस फैसले से लगाम लगेगी.
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