Excise Policy Case: केजरीवाल की मुसीबत बढ़ी! सीबीआई को मिली मुकदमा चलाने की मंजूरी, इस AAP नेता पर भी मंडराया खतरा
कथित आबकारी घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत मिलती नहीं दिख रही है. सीबीआई को केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली है.
Excise Policy Case: सीबीआई ने शुक्रवार (23 अगस्त) को दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि उसने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक पर मुकदमा चलाने की मंजूरी प्राप्त कर ली है.
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत को यह जानकारी दी गई जिन्होंने मामले को 27 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. इस मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत अवधि 27 अगस्त को समाप्त होने वाली है. अदालत ने 12 अगस्त को सीबीआई को मामले में अरविंद केजरीवाल और दुर्गेश पाठक पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के लिए 15 दिन का समय दिया था.
सीबीआई ने क्या कहा ?
सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में बचाव करते हुए कहा कि यह (गिरफ्तारी) जरूरी थी, क्योंकि उन्होंने कथित आबकारी नीति घोटाले में अपनी भूमिका के बारे में सवालों के जवाब में “टालमटोल और असहयोग” का रास्ता चुना.
केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है और इस याचिका के जवाब में सीबीआई ने दायर अपने विस्तृत हलफनामे में कहा कि उसने आम आदमी पार्टी (आप) नेता को 25 जून, 2024 को उनसे पूछताछ करने के बाद ही गिरफ्तार किया था.
हलफनामे में कहा गया है, 'यह आवश्यक था क्योंकि उन्हें रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्यों के संबंध में (अन्य गवाहों से) आमना-सामना कराना था, जबकि जांच के उचित निष्कर्ष के लिए यह आवश्यक था और विशेष रूप से इसलिए क्योंकि याचिकाकर्ता जानबूझकर जांच को पटरी से उतार रहा था.
कब होगी अगली सुनवाई?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सीबीआई के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच सितंबर की तारीख तय की. सीबीआई ने कहा कि हालांकि केजरीवाल के पास कोई मंत्री पद नहीं है, लेकिन समय के साथ यह सामने आया कि अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति के निर्माण में सभी महत्वपूर्ण निर्णय उनके इशारे पर तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मिलीभगत से लिये गए थे, जिनके पास आबकारी विभाग भी था.
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