Exclusive: अब दिल्ली की विश्वकर्मा कॉलोनी में चलेगा बुलडोजर, ABP News से लोग बोले- हम रोहिंग्या तो क्यों मांंगते हैं वोट?
Delhi Encroachment Action: दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुलडोजर एक्शन के बाद अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यान ने विश्वकर्मा कॉलोनी को अवैध बताया है.
Delhi Encroachment Action: दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुलडोजर एक्शन एक ट्रेलर था क्योंकि एमसीडी पूरी दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ खुली लड़ाई छेड़ चुकी है. इसी क्रम में बीते बुधवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यान दिल्ली के जैतपुर, मदनपुर खादर, जसोला गांव में पहुंचे और अतिक्रमण का जायजा लिया था. जहां-जहां उन्हें अतिक्रमण दिखा उन्होंने साथ मौजूद अधिकारियों को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा.
जैतपुर में अतिक्रमण का जायजा लेते वक्त मेयर सूर्यान ने जैतपुर की विश्वकर्मा कॉलोनी को अवैध बताया. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में मेयर सूर्यान ने इस कॉलोनी में रहने वालों को रोहिंग्या बांग्लादेशी बताया था. इस बात की पड़ताल के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम विश्वकर्मा कॉलोनी पहुंची जहां करीब 250 से 300 घर बने हुए हैं. ज्यादातर घरों का निर्माण पक्का है. घरों के बाहर बिजली के मीटर भी लगे हैं.
रोहिंग्या हैं तो ये वोट मांगने क्यों आते हैं? - इलाके के निवासी
कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने एबीपी न्यूज़ की टीम से बात करते हुए कहा कि जब से बुलडोजर की बात सुनी है तबसे कुछ खाया पिया नहीं जा रहा है. हम यहां 20 साल से रह रहे हैं. यहां जितने भी लोग आप देख रहे हैं इन सबको हिंदी आती है. उन्होंने कहा कि, बांग्लादेशी की जुबान से पता चल जाता है कि वो कहां से हैं. हमारे पास सब दस्तावेज हैं. वोटर आईडी, से लेकर राशन कार्ड तक. एक शख्स ने कहा कि, मेयर से पूछा जाए कि अगर यहां सब रोहिंग्या हैं तो ये वोट मांगने क्यों आते हैं? जब वोट मांगना होता है तो हर पार्टी का नेता यहां आता है और आज हम रोहिंग्या हो गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि, पहले हम पर बुलडोजर चलेगा उसके बाद हमारे घरों पर बुलडोजर चलेगा. पार्षद, विधायक, सांसद बनोगे हमारे वोटों से और फिर हम पर बुलडोजर चलाओगे.
लोगों के पास मिले सभी जरूरी दस्तावेज
इलाके के लोगों ने जरूरी दस्तावेज भी एबीपी न्यूज़ को इस दौरान दिखाए. सभी के पास उनके घरों की पावर ऑफ अटॉर्नी, वोटर आईडी से लेकर आधार कार्ड मौजूद हैं. किसी के पास नोटरी की पावर ऑफ अटॉर्नी है तो किसी के पास स्टांप ड्यूटी वाली पावर ऑफ अटॉर्नी भी है. साथ ही निवासियों का आरोप है कि जब भी कॉलोनी में कोई घर बनता है पुलिस आ जाती है पैसे मांगने, कितने एरिया में घर बन रहा है इसके अलग अलग रेट चार्ट हैं.
जब प्लॉटिंग हो रही थी तब सरकार कहां थी? - इलाके के निवासी
दरअसल, विश्वकर्मा कॉलोनी मिश्रित आबादी वाली कॉलोनी है. यहां करीब 100 घर हिंदू के हैं तो 150 घर मुसलमानों के हैं. यहां निवासियों को इस बात की भी तकलीफ है कि उन्हें रोहिंग्या क्यों बुलाया जा रहा है? बहुत से लोगों के पास यूपी और बिहार के अलग इलाकों के आधार कार्ड हैं. मोहम्मद मारूफ नाम के शख्स ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, डर तो इतना लग रहा है कि पता नहीं कब बुलडोजर आएगा और घर तोड़ देंगे. ईद आ रही वो भी खराब हो गई है. जब यहां प्लॉटिंग हो रही थी तब सरकार कहां थी? हमने पेट काट-काट कर घर लिया, कर्जा लेकर घर लिया, अब क्या करेंगे?
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