Exclusive: हरसिमरत कौर बादल ने कहा- इस्तीफा देना मजबूरी नहीं, जरूरी था
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि एक मंत्री होने के नाते मैंने हमेशा ये समझा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए चुन के भेजा है. लोगों की आवाज संसद तक पहुंचाना फर्ज है.
नई दिल्ली: किसानों से जुड़े बिल का विरोध करते हुए मोदी सरकार से शिरोमणी अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया. एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए हरसिमरत कौर ने कहा कि इस्तीफा देना मजबूरी नहीं जरूरी था. एक मंत्री होने के नाते मैंने हमेशा ये समझा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए चुन के भेजा है. लोगों की आवाज संसद तक पहुंचाना फर्ज है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार को इसके बारे में उन्होंने बताया कि किसानों में इसका बहुत विरोध है. उनसे बातचीत करने के बाद ही कुछ किया जाए. कृषि मंत्री से लिखित में लेकर किसानों को समझाया लेकिन एमएसपी को लेकर किसानों की शंका दूर नहीं हुई.
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सरकार किसानों को मना नहीं पा रही है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने किसानों के लिए बहुत सारे काम किए हैं लेकिन इस मुद्दे पर मना नहीं पाई. सरकार किसानों को विश्वास में नहीं ले सकी और वो मोदी सरकार को नहीं समझा पाईं. उन्होंने कहा कि वे किसानों से माफी मांगती हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “जब मेरे पास ये सवाल आया कि मैं सरकार का साथ दूं या किसानों का तो मेरे लिए बिल्कुल साफ था कि मैं उनका साथ दूंगी जिनकी वजह से मैं यहां तक पहुंची हूं. सरकार जिनके लिए ये कर रही है जब उनको ही ये ठीक नहीं लग रहा तो मेरा फर्ज है कि मैं उनके साथ लड़ूं.”
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इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, “ये मैं नहीं बोलना चाहूंगी. ये मुद्दा भी नहीं है. जिनके लिए ये बिल लेकर आए हैं उन्हें विश्वास में लेना जरूरी है, मैं हूं या नहीं हूं ये अहम नहीं है. हम किसानों के साथ हैं और ये लड़ाई जीतेंगे.”
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इसको लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी की आलाकमान फैसला करेगी. पहले किसान है बाद में सत्ता है. किसानों से ही पंजाब बना है. किसानों की बेटी होने के नाते उनका नुकसान कभी बर्दाश्त नहीं करूंगी. हमारे खून का एक-एक कतरा किसानों का दिया हुआ है.
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