नई दिल्ली: एक तरफ जहां देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सेना के जवान सरहद पर चौकन्ने हैं. कश्मीर में आतंकवाद हो या फिर एलओसी पर पाकिस्तान की हरकत हो सेना चौकन्नी है. बीते दिनों चीन से लद्दाख और सिक्किम में फेस ऑफ हुआ. इन मुद्दों पर एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि चीनी सैनिकों से झड़प लोकल लेवल पर थी.


इससे निपटने के लिए काफी प्रोटोकॉल फॉलो करते हैं- सेना प्रमुख


सेना प्रमुख ने कहा, ‘’पहले भी फेस ऑफ होते थे. इससे निपटने के लिए हम काफी प्रोटोकॉल फॉलो करते हैं. हम आपस में बातचीत करते हैं. लोकल मिलिट्री लेवल और डेलीगेशन के लेवल पर बातचीत करते हैं और फिर हम इससे निपट लेते हैं. ये अभी जो फेस ऑफ हुए हैं ईस्टर्न लद्दाख और सिक्किम में...ये इत्तेफाक की बात है कि एक ही साथ हुए. लेकिन इनमें कोई कनेक्शन नहीं है और न ही इसमें हम ज्यादा पड़े हैं. अक्सर इस तरह के एक्शन होते हैं. जब वो पेट्रोलिंग के लिए आते हैं तो हम भी जाते हैं...कभी-कभी हम आमने सामने आ जाते हैं.’’


हमारी नजर चारों तरफ होनी चाहिए- सेना प्रमुख


क्या आने वाले समय में भारत को चीन से सतर्क रहने की जरूरत है, इस सवाल पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘’हमारी नजर चारों तरफ होनी चाहिए. जो भी तैयारियां हमें करनी है उस पर कड़ी नजर रखते हैं. दोनों तरफ जो भी डेवलपमेंट होते हैं हम उस पर नजर रखते हैं. उसी के अनुसार हम अपने प्लान बनाते रहते हैं. ताकि हमारा जो टास्क है उसे हम ठीक तरीके से कर पाएं.’’


'हम बड़े-बड़े आतंकी लीडर मार चुके हैं'


हाल ही में हंदवाड़ा की घटना और कश्मीर में आतंकवाद के मुद्दे पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘’हर साल का ये पैटर्न है कि जैसे-जैसे मौसम अच्छा हो जाता है, बर्फ पिघलने लगती है और पासेज खुल जाते हैं तब घुसपैठ बढ़ने लगती है. गर्मियों के मौसम में आतंकवाद से जुड़े केस में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी होती रहती है. लेकिन इससे निपटने के लिए हमारे पास रणनीति है. बड़े-बड़े लीडर (आतंकी) को हम मार चुके हैं. ये होता रहेगा. जो ओवर ऑल आतंकवाद की स्थिति है उसमें सुधार आया है.’’


सरहद के उस पार दस से बारह आतंकी कैंप हैं- सेना प्रमुख


पाकिस्तान का कश्मीर में आतंकवाद बढ़ाने में कितना बड़ा हाथ है, इस सवाल के जवाब में सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा, ‘’इसमें कोई शक नहीं है कि आतंकवाद सरहद के उस पार से आ रहा है. एलसी के उस पार दस से बारह कैंप हैं. हर कैंप्स में टेरेरिस्ट मौजूद हैं. वो मौका देख रहे हैं कि कब और कैसे घुसपैठ कर सकें. लेकिन इसके ऊपर हमारी कड़ी नजर है और हम पूरी कोशिश करेंगे कि वो नाकामयाब हों.''


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