(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Exclusive: 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन और इसके 32 महीने के अंदर पूरा होगा राम मंदिर का निर्माण
भूमि पूजन कल यानी 5 अगस्त 2020 को जरूर हो जाएगा, लेकिन फिलहाल जिस तरह से तैयारी की जा रही है, उससे तो यही लग रहा है कि साल 2023 में होने वाली रामनवमी तक मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा.
उत्तर प्रदेश: अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर को लेकर भूमि पूजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. आखिरी कुछ घंटों का वक्त और बचा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत डेढ़ सौ से ज्यादा लोग इस दौरान राम जन्मभूमि पर मौजूद होंगे. लेकिन अब सब के ज़हन में सवाल यही है कि इस भूमि पूजन के बाद आखिर यह भव्य राम मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा. आप के जहन में उठ रहे इसी सवाल का जवाब तलाशा है एबीपी न्यूज़ ने अपनी इस खास रिपोर्ट में.
अयोध्या में हर तरफ इस वक्त रौनक है. हर तरफ लोग बेसब्री से भूमि पूजन का इंतजार कर रहे हैं. भूमि पूजन को लेकर पूरा अयोध्या जगमगा रहा है, लेकिन इस सब के बीच अब राम के भक्त और देश भर से अयोध्या पहुंचने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालु यह भी जानना चाह रहे हैं कि इस भूमि पूजन के बाद कितना वक्त और लगेगा राम मंदिर के निर्माण में. इस सवाल का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज़ ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद महाराज से बात की. इस बातचीत के दौरान स्वामी परमानंद महाराज ने बताया कि अभी राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम तय किया गया है, लेकिन इसके बाद पूरा जोर होगा जल्द से जल्द मंदिर निर्माण पूरा करने का.
लेकिन सवाल यह था कि आखिर श्रद्धालुओं को राम मंदिर के भीतर पहुंचकर रामलला के दर्शन करने का मौका कब मिलेगा. इस सवाल के जवाब में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद ने बताया कि फिलहाल जैसे ही भूमि पूजन का कार्यक्रम पूरा होगा. उसके बाद से ही जल्द से जल्द मंदिर निर्माण को लेकर काम शुरू हो जाएगा. इसी के मद्देनजर ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण करने वाली कंपनी को मंदिर निर्माण पूरा करने के लिए अगले 32 महीने का वक्त दिया है. यानी अब से 2 साल 8 महीने बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो सकता है.
इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी परमानंद जी महाराज ने एक अहम जानकारी और साझा की. परमानंद जी महाराज के मुताबिक देशभर में जिन जिन जगहों पर शिला पूजन हुआ है, उन सभी शिलाओं का इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा. इतना ही नहीं अयोध्या के कारसेवक पुरम में बनाई गई कार्यशाला में जो पत्थर तराश के रखे गए हैं, उनका भी इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में होगा.
इन शिलाओं और पत्थरों के अलावा भी अयोध्या के कारसेवक पुरम में हजारों हजार की संख्या में ईंट भी रखी हुई हैं, जिनको देश के अलग-अलग हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धा के तौर पर यहां पर रखा है. इसके अलावा कारसेवक पुरम में जो ईंट रखी हुई हैं उन ईंटों का इस्तेमाल भी राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा.
इसके अलावा जो भी श्रद्धालु श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए चंदा देंगे, उनको चंदे की जो रसीद मिलेगी, वह भी अपने आप में खास होगी. क्योंकि वह रसीद आम रसीदों से हटकर होगी. वह रसीद ऐसी होगी, जिसको लोग हमेशा के लिए यादगार बना कर अपने पास रख सकेंगे.
तो कुल मिलाकर भूमि पूजन कल यानी 5 अगस्त 2020 को जरूर हो जाएगा, लेकिन फिलहाल जिस तरह से तैयारी की जा रही है, उससे तो यही लग रहा है कि साल 2023 में होने वाली रामनवमी तक मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा और श्रद्धालु श्री रामलला विराजमान के दर्शन कर सकेंगे.
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