रायपुर: लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों को अपने अपने राज्य पहुंचाने के लिए रेल सेवा शुरु होने के साथ ही इस पर राजनीतिक श्रेय और बयानबाजी भी शुरु हो चुकी है. केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने श्रमिकों के लिए पर्याप्त ट्रेन नहीं चलने पर राज्यों को दोष दिया है. उन्होंने छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्य सरकारों पर ठीकरा फोड़ा है. अब एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने रेल मंत्री के बयान को हास्यास्पद बताया है.
ट्रेनों की अनुमति न देने के आरोप पर उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया और रेल मंत्री पीयूष गोयल पर पलटवार किया. भूपेश बघेल ने कहा,'' इतने बड़े पद पर बैठकर झूठ बोलेंगे इसका अंदाजा नहीं था. हमने तीस ट्रेनों की मांग की थी. अभी तक हमारे यहां 9 ट्रेन पहुंची है. जब बसों से लाने की बात उठी तो मैंने कहा बस से लाना संभव नहीं है. दूर से मजदूरों को लाना बसों से संभव नहीं.'' उन्होंने आगे कहा,'' सारा पैसा जमा कर दिया है, उसके बाद इस प्रकार से पीयूष गोयल जी के द्वारा कहना हास्यास्पद है.''
वित्त मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस को बताया धारावाहिक
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त मंत्री निर्मला सीताररमण के प्रेस कॉन्फ्रेंस को धारावाहिक बताया. दरअसल वित्त मंत्री ने आज लगातार तीसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस दौरान वह आर्तिक पैकेज को लेकर जानकारी दे रही हैं.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर भूपेश बघेल ने कहा,''निर्मला जी का तीन दिन से एपिसोड चल रहा है और हम लोगों ने जो मांग की थी वह इन तीन एपिसोड में नहीं आया. अभी धारावाहिक खत्म होने दीजिए तब प्रतिक्रिया दूंगा.''
2 लाख 60 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करवाए
भूपेश बघेल ने कहा,'' अभी तक 2 लाख 60 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करवाए हैं. ये विभिन्न राज्यों से श्रमिक आ रहे हैं. उनके लिए सारी व्यवस्था हमने किया है. इसके लिए 16 हजार चार सो 93 क्वॉरंटीन सेंटर हमने बनाया है.''
मुख्यमंत्री ने आगे कहा,'' राज्य में बहुत से लोग ऐसे हैं जो 6 महीने काम करते हैं और फिर आकर राज्य में खेती करते हैं. अब आगे कि स्थिति पर कुछ नहीं सकता लेकिन छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी लोग ग्रामीण श्रेत्र के हैं. इसमें अधिकांश किसान या खेतीहर मजदूर हैं. हमारे यहां मनरेगा का काम चल रहा है. मजदूरों को काम दे रहे हैं. महिला स्व समूह के माध्यम से लघऊ जैसे महुआ, ईमली आदि खरीदा जा रहा है. गरीब तबके के जेब में पैसा डालने का काम हमने किया है. राजीव गांधी न्याय योजना के तहत हमने 10 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाएगा. 31 मई को राजीव गांधी के पुण्यतिथि के दिन इसकी शुरूआत करेंगे.''