पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की है. इस दौरान जेपी नड्डा ने सीएम ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. जेपी नड्डा ने कहा कि विरोध करने वालों को दीदी जेल भेज देती हैं. ममता राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं है और बंगाल में तानाशाही का राज है. बता दें कि जेपी नड्डा ने नवद्वीप में परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की है और और इस दौरान वो ममता सरकार पर जमकर हमलावर हैं.
बंगाल के लोग राज्य सरकार से हैं त्रस्त
एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि पिछले दो महीनों में मैं यहां तीसरी बार आ रहा हूं. जब मैं दिसंबर में आया था तब का वातावरण और अब के वातावरण में बहुत परिवर्तन आया है. सच में ‘पोरिवर्तन’ है. दिसंबर महीने में लोगों ने मन बनाया था लेकिन उस समय वे सहमे-सहमे से थे. लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है लोगों के मन से भी डर निकल रहा है. राज्य के लोग इस मौजूदा शासन से त्रस्त हैं और उससे वे अब बाहर निकलना चाहते हैं.
ममता बनर्जी को भेजने के लिए आतुर हैं लोग
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि जब मैं रैली में जाता हूं तो लोगों के चेहरे पर खुशी देखने को मिलती है. वे 'भारत मां की जय' और 'जय श्री राम' के नारे लगाते हैं. अगर मैं विक्ट्री का साइन दिखाता हूं तो लोग कहते हैं दो सौ पार भाजपा. ये साफ संकेत है कि लोग बीजेपी को लाना चाहते हैं और ममता बनर्जी की सरकार को हटाने के लिए आतुर हैं.
परिवर्तन का नारा देते-देते ममता बनर्जी का खुद का हो गया परिवर्तन
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की आदत लोगों को गुमराह करके वोट लेने की रही है. परिवर्तन का नारा देते-देते ममता बनर्जी का खुद का परिवर्तन हो गया है. जो सीपीएम की गुंडागर्दी के खिलाफ लड़ रही थीं, उन्होंने खुद सारी गुंडागर्दी करने का काम पकड़ लिया. राजनीति का आपराधीकरण हो गया और प्रशासन का भी राजनीतिकरण हो गया है. इसके साथ ही भ्रष्टाचार भी ममता बनर्जी सरकार में संस्थागत हो गया है. यानी कट मनी कल्चर आ गया है. जो विरोध में बोलता है उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाता है. वहीं राज्य सरकार विपक्षियों को समाप्त करने का काम कर रही है. 130 बीजेपी कार्यकर्ताओं को हमने खो दिया और 300 लोगों पर हमला किया गया. ये परिवर्तन ममता बनर्जी का हुआ है. उन्होंने सीपीएम के कल्चर को ही खुद में समाहित कर लिया.
नाम ‘ममता’ है लेकिन वे ‘निर्ममता’ की प्रतिरूप बन रही हैं
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि ममता बनर्जी ‘मां, माटी और मानुष’ का नारा लगाकर आई थीं, लेकिन उन्हें मां की कभी चिंता नहीं हुई, माटी की कभी इज्जत नहीं की और मानुष का उन्होंने हमेशा शोषण किया. नाम ‘ममता’ है लेकिन वे ‘निर्ममता’ की प्रतिरूप बन रही हैं. मुझ पर प्वाइंट ब्लैक रेंज से हमला जो जाए तो यह निर्मम विचारों का प्रतीकात्मक स्वरूप हमको देखने को मिल रहा है.
बीजेपी के मौतों पर राजनीति करने की बात निराधार
बीजेपी के मौतों पर राजनीतिकरण करने के सवाल पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बंगाल में 130 लोगों की जान गई क्या वो सुसाइड हो सकती है? बीजेपी एमएलए को घर से पकड़कर ले जाए और रात को वो पोल से लटका हुआ मिले तो क्या वो आत्महत्या है? मनीष शुक्ला मॉर्डन वेपन से मारा जाए तो क्या ये सुसाइड है? उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल निराधार बात है कि बीजेपी मौतों पर राजनीति करके हमदर्दी हासिल करने की कोशिश कर रही है. ममता बनर्जी किसी भी बात को गहराई से सोचकर नहीं कहती हैं और ये बंगाल का दुर्भाग्य है कि ऐसे लोगों ने यहा लंबे समय तक शासन किया है.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार आई तो सुशासन आएगा
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार बनती है तो कैसे राज्य को विकास की और ले जाएंगे? इस सवाल के जवाब में बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि हमारा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि हम सबसे पहले सुशासन लाना और पारदर्शिता लाने को प्राथमिकता देते हैं. साथ ही राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन किया जाएगा, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान दिया जाएगा. उद्योग व कृषि जगत को बढ़ावा दिया जाएगा. इंफ्रास्ट्रक्चर को क्रिएट किया जाएगा. जेपी नड्डा ने मध्य प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि आज वहां बीजेपी सरकार में किसान फल फूल रहे हैं जबकि कमलनाथ सरकार में सब कुछ पटरी से उतर गया था. जबकि आज वहां विकास उच्च स्तर पर हो रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे सभी राज्य इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट से लेकर डेवलेपमेंट के एनवायरमेंट को क्रिएट करने में लगे हैं. यही पश्चिम बंगाल में भी होगा.आज बंगाल में कुशासन है हमारी सरकार आएगी तो सुशासन आएगा.
हमारा मंत्र ‘सबको न्याय किसी का तुष्टिकरण’ नहीं है
आज प्रशासन का राजनीतिकरण हो रहा है हमारी सरकार आई तो प्रशसान सुधर जाएगा. हमारा मंत्र ‘सबको न्याय किसी का तुष्टिकरण’ नहीं है सच बात ये है कि जिस दिन प्रशासक नियतन अच्छा होता है तो उस दिन सरकार की नियतन नीति भी अच्छी हो जाती है. ये भारतीय जनता पार्टी का मूल मंत्र रहा है. ममता बनर्जी को इन सब चीजों के बारे में कोई समझ नहीं है और न ही उनके मन में इसके प्रति कोई कमिटमेंट है. जब तक सत्संग था तब तक वे अच्छे तरीके से चल रही थीं जब कुसंगति के साथ जुड़ गई तो परिवर्तन आ गया.
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