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Exclusive: महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का ब्लूप्रिंट तैयार, यहां जानें सब कुछ

तीन फेज में कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. तीनों फेज के लिए जगहों का चयन भी किया जाएगा. टीकाकरण के लिए अलग-अलग संस्थानों के रोल भी तय किए जाएंगे.

मुंबई: देश और दुनिया में अब कोरोना वैक्सीन का इंतजार हो रहा है. भारत में भी वैक्सीन की दिशा में प्रभावी तौर पर काम हो रहा है. कोशिश है कि जल्द से जल्द लोगों के बीच वैक्सीन पहुंचे. इस बीच वैक्सीन आने के बाद कैसे टीकाकरण होगा, इसको लेकर महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार ने अपना ब्लूप्रिंट तैयार किया है. एबीपी न्यूज़ के पास इसकी एक्सक्लूसिव जानकारी है.

जानकारी के मुताबिक, वैक्सीन तीन फेज में दी जाएगी. पहले फेज में हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन दिया जाएगा. इनकी संख्या सवा लाख होगी. दूसरे फेज में फ्रंटलाइन वर्कर्स होंगे, इसमें पुलिस, फायर ब्रिगेड और महानगरपालिका के कर्मचारी होंगे. वहीं तीसरे फेज में 50 से ज्यादा उम्र में लोग होंगे और इसमें को-मोरबिड यानी दूसरी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति होंगे.

नेशलन एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड (NEGVAC) ने राज्य के अंदर, जिले के अंदर और स्थानीय स्तर पर अलग-अलग स्तर पर कमेटी/टास्क फोर्स गठित किए हैं. राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव के निगराणी में स्टेट स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है. राज्य की टास्क फोर्स का गठन किया गया है. राज्य स्तर पर टीकाकरण मुहिम के लिए कन्ट्रोल रूम भी तैयार किया गया है. जिला स्तर पर अतिरिक्त आयुक्त की निगरानी में शहर में टास्क फोर्स निर्मित की गयी है. स्थानीय स्तर पर सहायक आयुक्त की निगरानी में वार्ड टास्क फोर्स बनाई गयी है.

नीति आयोग के अंतर्गत एनईजीवीएसी केंद्र स्तर की समिति देशभर में काम पर नजर रखेगी. टीकाकरण के संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार इस समिति के पास रहेगा.

टास्क फोर्स क्या करेगी?

टीकाकरण के लिए तीन स्टेप्स में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया देखेगी.

टीकाकरण के लिये कर्मचारियों को ट्रेनिंग समय पर मिल रही है या नहीं, ये देखेगी.

वैक्सीन के रखरखाव और ट्रांसपोर्टेशन पर नजर रखने का काम करेगी.

सही तरीके से इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने की जिम्मेदारी होगी.

पहला फेज कैसा होगा?

पहले फेज के तहत सारे हेल्थ वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन किया जायेगा. वैक्सीन इकट्ठा और लगाने के लिये 4 मेडिकल कॉलेज, 4 महानगरपालिका के हॉस्पिटल, 1 जम्बो कोल्ड स्टोरेज सेंटर की व्यवस्था होगी. हर सेंटर पर 3 टीम 2 शिफ्ट में काम करेगी. एक सेंटर पर हर रोज 1200 लोगों को वैक्सीन दी जायेगी. पहले फेज में 15 से 20 दिन में 1 लाख 25 हजार लोगों को वैक्सीन दी जायेगी. पहले डोज के बाद दूसरा डोज 28 दिन बाद दिया जायेगा.

दूसरा फेज कैसा रहेगा?

दूसरे फेज में फ्रंटलाइन वर्कर्स की सूची तैयार की जायेगी. इसके लिए नोडल अधिकारी और सब-नोडल अधिकारी की नियुक्ती की जायेगी. वैक्सीनेशन के लिये स्कूल, हॉस्पिटल और कम्युनिटी हॉल जैसी जगहों का चयन किया जायेगा. हर केंद्र पर पुलिस, बीएसटी और स्वच्छता कर्मचारी मौजूद होंगे.

तीसरा फेस कैसा होगा?

तीसरा फेज चुनौतीपूर्ण होगा. क्योंकि इस चरण में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. रजिस्ट्रेशन प्रोसेस लंबी होगी जिसके लिए हेल्थ पोस्ट बनाए जाएंगे. हॉस्पिटल, कम्युनिटी हॉल, स्कूल, हेल्थ पोस्ट और डिस्पेंसरी जैसी जगहों का चयन होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क स्थापित किये गये हैं. आईआईटी दिल्ली की ओर से ये नेटवर्क बनाये गये हैं.

इंटेलिजेंस नेटवर्क की भूमिका क्या होगी?

ये नेटवर्क वैक्सीनेशन सही समय में पूरा हो रहा है या नहीं, इस पर इस पर नजर रखने के लिए रीयल टाइम ट्रैकिंग करेगी. वैक्सीनेशन के स्टोरेज पर नजर रखने का काम होगा. वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए दो रास्ते होंगे. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, ऐसी व्यवस्था की जाएगी.

अलग-अलग संस्थान का रोल क्या होगा?

डिपार्टमेंट ऑफ चाइल्ड एंड वेलफेयर- आंगनवाड़ी सेविका द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पुरी कर के लेना. सभी प्रक्रिया और अलग अलग जगह पर नजर रखना.

शिक्षा विभाग- दूसरे और तीसरे फेज की वैक्सीनेशन के लिए स्कूल में जगह उपलब्ध कराना. शिक्षामित्र और शिक्षकों द्वारा वैक्सीनेशन की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए चुनाव करना.

डिपार्टमेंट ऑफ स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स- एनएसएस और एनसीसी द्वारा लोगों तक वैक्सीनेशन की जानकारी पहुंचाने के लिए मदद ली जाएगी. वैक्सीनेशन सेंटर पर सारे इंतजाम और भीड़ को नियंत्रण में रखने की जिम्मेदारी भी एनसीसी की होगी.

होम डिपार्टमेंट- वैक्सीनेशन के लिये लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखना एक बड़ी चुनौती होगी. साथ ही लोगों में जनजागृती पैदा करने के लिए होम गार्ड नियुक्त किये जायेंगे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन- दुनियाभर में किये जा रहे वैक्सीनेशन पर नजर रखना.

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