नई दिल्ली: रामलला को अब एक बुलेटप्रूफ कॉटेज में रखा जाएगा. जब तक मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता है तब तक रामलला इसी बुलेटप्रूफ कॉटेज में रहेंगे. ये कॉटेज जर्मन पाइन से बनेगा. अयोध्या के साधु संत इस बात की चिंता जताते रहे हैं कि रामलला को टेंट से हटाकर कहीं और शिफ्ट किया जाए. रामलला को ऐसी जगह ले जाया जाए जहां से लोग ठीक से उनका दर्शन कर सकें. उनकी पूजा-अर्चना कर सकें.


कॉटेज का साइज 14x21 होगा


अभी तक जब श्रद्धालु रामलला का दर्शन करने जाते हैं तो उन्हें लोहे की छड़ों के बीच से रामलला के दर्शन के लिए दो से तीन सेकेंड का वक्त मिलता है. लेकिन अब जब ये कॉटेज बन कर तैयार हो जाएगा तो लोगों को दर्शन करने में भी सहूलियत होगी. कॉटेज का साइज 14x21 होगा.


आज राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक हुई


उधर आज राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक हुई. ये बैठक दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील के परासरण के घर पर हुई. उनका घर को ही राम मंदिर ट्रस्ट का स्थाई पता है. इस बैठक में  के परासरण, महंत नृत्य गोपाल दास, अनिल कुमार मिश्रा, चंपत राय, गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार, महंत दिनेन्द्र दासजी, जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद जी महाराज, धर्मदास जी महाराज, कामेश्वर चौपाल, राजा बिमलेंद्र मोहन मिश्र, अयोध्या के डीएम अनुज झा, पेजावर मठ के पीठाधीश्वर विश्व प्रसन्ना आचार्य स्वामी और गोविंददेव गिरीजी महाराज शामिल हुए.


पांच फरवरी को राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने का एलान किया गया


बता दें कि पांच फरवरी को राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने का एलान किया गया. इसका एलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी तक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था. पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि था कि रामलला विराजमान की जन्म भूमि पर एक भव्य मंदिर बनेगा.


यह भी देखें