नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को किनारे कर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन का एलान कर दिया. मायावती और अखिलेश यादव की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सवाल उठ रहा है कि अब कांग्रेस क्या करेगी? उत्तरप्रदेश को लेकर कांग्रेस की रणनीति क्या होगी? एसपी-बीएसपी के गठबंधन के एलान के तुंरत बाद कांग्रेस ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया तक नहीं दी. हालांकि कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने ये जरूर कहा कि रविवार को लखनऊ में कांग्रेस नेता प्रतिक्रिया देंगे. यानी रविवार को कांग्रेस उत्तर प्रदेश को लेकर अपनी रणनीति का खुलासा करेगी. लेकिन उससे पहले हम आपको कांग्रेस का यूपी प्लान बताते हैं.


हापुड़ से हो सकती है राहुल के मिशन यूपी की शुरूआत


कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फरवरी में पूरे उत्तर प्रदेश में करीब 15 सभाएं करेंगे. इसकी शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ से होगी. इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और सहारनपुर में रैली करने की योजना बनी. जानकारी के मुताबिक, बरेली में भी राहुल एक रैली करेंगे. खास बात ये है कि इन रैलियों में सारा फोकस किसानों पर होगा. राहुल जहां एक तरफ किसानों की खराब हालत का मुद्दा उठा कर मोदी सरकार पर निशाना साधेंगे वहीं, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ की नई कांग्रेस सरकारों की तरफ से की गई कर्जमाफी का जिक्र करके किसानों को लुभाएंगे. साथ ही बेरोजगारी का मुद्दा और राफेल का मुद्दा भी राहुल गांधी जोर-शोर से उठा सकते हैं. अब तक के कार्यक्रम के मुताबिक राहुल 13 सभाएं कर सकते हैं. बता दें कि यूपी की रैलियों से पहले राहुल 3 फरवरी को बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में भी एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे.


रविवार को लखनऊ में कांग्रेस नेताओं की बैठक 


रैलियों की तैयारी के मद्देनजर दिल्ली में पिछले दो दिन यूपी के नेताओं ने मन्थन किया है. पश्चिमी यूपी के कार्यक्रम का खाका तैयार करने के बाद मध्य और पूर्वी उत्तरप्रदेश का कार्यक्रम तय करने के लिए रविवार को लखनऊ में बैठक होगी. इस दौरान एसपी-बीएसपी गठबंधन के औपचारिक एलान के बाद की परिस्थिति पर भी चर्चा होगी.


25 से 30 सीटों पर पूरी मजबूती से लड़ेगी कांग्रेस- सूत्र


जहां तक सीटों का सवाल है तो कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पार्टी कम से कम 25 से 30 सीटों पर पूरी मजबूती से लड़ेगी. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अपने सभी बड़े चेहरों को चुनाव में उतार सकती है. अमेठी-रायबरेली के बदले अखिलेश परिवार और मायावती के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार नहीं उतारेगी. हालांकि ये साफ नहीं है कि बची हुआ आधी सीटों पर कांग्रेस की रणनीति क्या होगी? जानकारों का मानना है कि बची हुए सीटों पर कांग्रेस बीजेपी के वोट काटने की रणनीति बनाएगी. कांग्रेस नेताओं का ये भी कहना है कि मुस्लिम वोटरों के बीच कांग्रेस ये तर्क देगी कि केंद्रीय स्तर पर बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस ही कर सकती है. यूपी में बीजेपी विरोधी महागठबंधन ना बनाने के लिए कांग्रेस एसपी-बीएसपी को जिम्मेदार बताएगी.


यूपी में पूरी तरह खत्म नहीं हुई महागठबंधन की संभावना- कांग्रेस


हालांकि कांग्रेस नेताओं के एक खेमे को उम्मीद है कि अभी भी यूपी में महागठबंधन की संभावना पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. वहीं एक खेमा कांग्रेस-शिवपाल-अजीत सिंह-लेफ्ट आदि के गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग की बात कह रहा है. लेकिन कुल मिलाकर आखिरी फैसला राहुल गांधी को ही लेना है कि यूपी के कांग्रेस की रणनीति क्या होगी?


पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से यूपी में अखिलेश-माया गठबंधन को लेकर पार्टी लाइन तय की जाएगी, जिसका एलान लखनऊ में किया जाएगा. राहुल पहले ही ये कह चुके हैं कि कांग्रेस को कमजोर समझना गलती हो सकती है. देखना होगा कि राहुल के मन में यूपी के लिए क्या गेम प्लान है?


एसपी-बीएसपी ने राहुल-सोनिया के लिए छोड़ी दो सीटें


यूपी में स्थिति ये है कि एसपी-बीएसपी ने 38-38 सीटों पर लड़ने का एलान कर कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ी हैं. वहीं, 2014 में यूपी की 80 में से 71 सीटें जीतने वाली बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को एलान किया कि बीजेपी का आंकड़ा कम नहीं होगा. हालांकि पिछले दिनों में लोकसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई है.


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