(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Exclusive: पिता की सीख से लेकर आखिरी कटहल तक, अभिजीत मुखर्जी ने साझा की प्रणब दा से जुड़ी यादें
पिता की मौत पर भावुक अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल स्थित दादा के पैतृक निवास को संग्रहालय और पुस्तकालय में तब्दील करेंगे.
नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश ने नम आंखों से विदा किया. भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का तकरीबन 50 सालों का राजनीतिक जीवन अपने आप में यादगार है और रहेगा. हालांकि, उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी चाहते हैं कि सरकार प्रणब दा की याद में पोस्टल स्टाम्प जारी करे. 10, राजाजी मार्ग स्थित प्रणब मुखर्जी के सरकारी आवास पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बीच अभिजीत मुखर्जी ने एबीपी न्यूज से बात की और अपने पिता से जुड़ी यादों को भी साझा किया.
पिता की मौत पर भावुक अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल स्थित दादा के पैतृक निवास को संग्रहालय और पुस्तकालय में तब्दील करेंगे. साथ ही प्रणब मुखर्जी की यादों को संजोने के लिए सरकार से अपेक्षा के सवाल पर अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि सरकार चाहे तो दादा के नाम पर स्टाम्प जारी करे.
पिता के निधन पर अभिजीत मुखर्जी ने भारी मन से कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि ब्रेन सर्जरी के बाद दादा ठीक होकर अस्पताल से घर लौट आएंगे. अभिजीत ने सेना के आरआर अस्पताल के डॉक्टरों का धन्यवाद किया, जहां प्रणब दा पिछले तीन हफ्तों से भर्ती थे. उन्होंने कहा कि उनके पिता एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने जीवन में सब कुछ हासिल किया और अपना काम पूरा किया. इसके बाद ईश्वर ने उन्हें अपने पास बुला लिया.
प्रणब मुखर्जी के अस्पताल में भर्ती होने से कुछ दिन पहले की याद को साझा करते हुए प्रणब ने बताया कि दादा को गांव के अपने बगीचे का कटहल बहुत पसंद था. अभिजीत मुखर्जी को इस बात का संतोष था कि अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए 4 अगस्त वह खुद कटहल लेकर बंगाल से ट्रेन के जरिए दिल्ली आए और "बाबूजी को कटहल खिलाया".
पूर्व लोकसभा सांसद अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि दादा हमेशा यही सीख देते थे कि राजनीति में हो या कहीं भी बदले की भावना मत रखो. आपको बता दें कि स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी के परिवार में उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी के अलावा बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी हैं.