Exclusive: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बोले- प्रदूषण पर दिल्ली सरकार एक्शन मोड में, केंद्र को भी आना होगा
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार में प्रदूषण को लेकर गंभीरता की कमी है.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए 21 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच दिल्ली की 100 रेड लाइट पर 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत कर रही है. दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिये ये कदम उठाया गया है. इस अभियान की शुरुआत से पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ABP न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्य की सरकारों में गंभीरता की कमी है. दिल्ली सरकार एक्शन मोड में काम कर रही है और केंद्र सरकार को भी एक्शन मोड में आना पड़ेगा.
प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार का प्लान
गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली में प्रदूषण को लेकर पिछले 5 साल से सरकार ने लड़ाई लड़ी है और उसका परिणाम हुआ कि पिछले 5 साल में 25% प्रदूषण को हम कम कर पाए हैं. लेकिन इस बार जिस तरह से कोरोना की स्थिति है, उसमें प्रदूषण के चलते लोगों के लिए खतरा बढ़ सकता है. इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बार प्रदूषण के विरुद्ध युद्ध का ऐलान किया है. इस बार चौतरफा युद्ध प्रदूषण के खिलाफ लड़ा जा रहा है. जितने भी स्रोत हैं प्रदूषण को लेकर उन सभी को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार काम कर रही है. इसी के तहत एंटी डस्ट कैंपेन शुरू किया गया. हमारी कोशिश है लोगों को एक संदेश देना कि अगर आप दिल्ली के प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी किसी को बख्शा नहीं जाएगा."
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए अभियान
दिल्ली सरकार के रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ के बारे में बताते हुए गोपाल राय ने कहा, "PM10 और PM 2.5 में जैसे डस्ट का रोल होता है वैसे ही वाहनों से होने वाले प्रदूषण का भी रोल होता है. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए एक नया मॉडल दिल्ली में प्रयोग किया जा रहा है. दिल्ली में अभी एक करोड़ गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं. एक रिसर्च है कि इनमें से 15 से 20 मिनट हर गाड़ी रोजाना रेड लाइट पर फ्यूल बर्निंग करती है. आमतौर पर हम लोगों की आदत है कि हम गाड़ी बंद नहीं करते लेकिन उसका कोई उपयोग भी नहीं होता है. यह हमारी आदत का मसला है. 21 अक्टूबर से दिल्ली सरकार 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' कैंपेन शुरू कर रही है जिसमें दिल्ली के 100 मुख्य चौराहों पर ढाई हजार मार्शल की नियुक्ति हो रही है. लोगों को जागरूक किया जाएगा और साथ ही जागरूकता के और भी कैंपेन लॉन्च कर रहे हैं. चौराहों पर जो लोग गाड़ी बंद नहीं करते पर्यावरण मार्शल उनके पास गुलाब का फूल लेकर जाएंगे. अभी महामारी का समय है इसलिए उन्हें हाथ के फूल देंगे नहीं लेकिन गाड़ी बन्द करने की प्रार्थना करेंगे. मुझे लगता है की इस अभियान में सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी किसी पर फाइन नहीं लगा रहे हैं क्योंकि प्रदूषण की समस्या सबकी है. सभी को पार्टिसिपेट भी करना होगा. ये एक स्वैच्छिक कैंपेन है जिसमें दिल्ली के सभी लोग पार्टिसिपेट करेंगे ऐसी उम्मीद है. वाहनों से होने वाले प्रदूषण का 15 से 20% इस कैंपेन से कम किया जा सकता है."
क्या एक्शन मोड में देरी से आई दिल्ली सरकार?
दिल्ली सरकार देर से क्यों जागी, इसके जवाब में गोपाल राय ने कहा, "25% प्रदूषण अगर कम हुआ पिछले 5 साल में तो लगातार काम करने का नतीजा है. दिल्ली सरकार 2 लेवल पर काम करती है, एक परमानेंट वर्क जैसे दिल्ली के ग्रीन शेड को बढ़ाना. इसके लिए वृक्षारोपण का अभियान लगातार चल रहा है केंद्र सरकार ने 15 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया था हम 30 लाख पौधे लगा रहे हैं. दिल्ली में करीब 1500 फैक्ट्री जहरीले धुएं पर काम कर रही थी उनमें से करीब 1400 को हमने पीएनजी पर शिफ्ट कर दिया गया. दिल्ली के थर्मल पावर प्लांट को हमने बंद कर दिया. बिजली ना होने की वजह से जेन सेट चलते थे उनको चलाने की जरूरत अब नहीं पड़ती क्योंकि 24 घंटे बिजली की सप्लाई हमने दी है. दिल्ली में ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी लेकर आ रहे हैं. यह सब दिल्ली के लोगों के लिए है पंजाब और हरियाणा के लिए नहीं है. दिल्ली के स्थायी समाधान के लिए दिल्ली सरकार बहुत सारे काम कर रही है. पराली को जलाने की जगह गलाने के लिए पूसा की डी-कंपोजर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. दिल्ली के डस्ट पॉल्युशन को रोकने के लिए एंटी डस्ट कैम्पेन चलाया गया है. चालान दिल्ली में काटा है पंजाब में नहीं. दिल्ली के लोगों के लिए यह काम किया जा रहा है."
प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ है तालमेल की कमी?
गोपाल राय का कहना है, "दिल्ली के अंदर का पॉल्युशन कम हो यह हमारी प्राथमिकता है. लेकिन कुछ जगह पर हम मजबूर हो जाते हैं क्योंकि प्रदूषण राज्य की सीमाओं से नहीं रुकता. पराली जलने से जो प्रदूषण पैदा हो रहा है उसको लेकर हम असहाय हैं. जो 11 थर्मल पावर प्लांट दिल्ली के आसपास लगे हैं उनसे पॉल्युशन होता है. इसलिए निवेदन करते हैं कि वह बंद हो जाए. दिल्ली सरकार काम कर रही है लेकिन हम चाहते हैं कि अगर समाधान करना है को मिलकर करना पड़ेगा. इसके लिए गंभीर होना पड़ेगा कहने से कुछ नहीं होगा. दिल्ली सरकार एक्शन मोड में काम कर रही है केंद्र सरकार को भी एक्शन मोड में आना पड़ेगा. अगर थर्मल पावर प्लांट दो-दो बार डेडलाइन देने के बाद भी बंद नहीं किए जा रहे हैं तो सरकार को एक्शन लेना पड़ेगा. अगर पराली को नियंत्रित नहीं कर रहे हैं तो राज्य और केंद्र सरकार को इस पर एक्शन लेना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने भी कहा कि आप अगर सीरियस है तो सभी मुख्यमंत्रियों के साथ महीने में एक बार बैठक करें तभी समाधान निकलेगा."
केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्य की सरकारों में प्रदूषण को लेकर गंभीरता नहीं है इस पर गोपाल राय ने कहा, "जब दिल्ली के बाहर की बात आती है तो केंद्र सरकार को उस में लीड रोल लेना पड़ेगा तभी इसका समाधान हो सकता है. निश्चित रूप से गंभीरता की कमी लगती है. जिस तरह से थर्मल पावर प्लांट को डायल्यूट किया जा रहा है, ईंट भट्टों को लेकर हो रहा है, दिल्ली में जेनसेट बंद हो गया और हरियाणा को बार-बार छूट मिल रही है, पराली को लेकर बार-बार चर्चा होती है बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन समाधान नहीं निकलता. पूसा रिसर्च इंस्टिट्यूट केंद्र सरकार की बॉडी है उनके पास विकल्प मौजूद है तो समाधान करना चाहिए था. मेरे ख्याल से सक्रियता के साथ काम करना पड़ेगा और मिलकर काम करना पड़ेगा हम दिल्ली में काम करने को तैयार हैं और दूसरे राज्यों को सहयोग देने के लिए भी तैयार हैं."
आने वाले समय मे दिल्ली में प्रदूषण की स्तिथि का आंकलन
आगे आने वाले समय मे दिल्ली में प्रदूषण की स्तिथि पर गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली में अभी नॉर्मल हवा चल रही है इसलिए वायु की गुणवत्ता का लेवल थोड़ा बेहतर है. लेकिन अगर यह हवा बंद हो जाती है और पराली चलती है तो स्थिति और खराब होगी. यह निर्भर करता है कि मौसम कैसा होता है, पराली किस स्तर पर जलती है और नवंबर के महीने में दिवाली के समय पर पॉल्युशन कैसा रहता है. दिवाली के समय में दिल्ली के लोगों से निवेदन है कि पटाखे से जो प्रदूषण पैदा होता है वह हमारे हाथ में है. इसलिए हम मिलकर लड़े और पॉल्युशन कम करें. 15 नवंबर तक सारी स्तिथि का विश्लेषण करके आगे कदम उठाएंगे. दिल्ली की जनता से एक ही निवेदन है कि कल से रेड लाइट पर जो अपनी गाड़ी खड़ी करें तो अपनी गाड़ी को बंद करें. हो सकता है कि एक-दो दिन दिक्कत हो लेकिन धीरे-धीरे आदत पड़ जाएगी. अगर रेड लाइट पर 10 सेकेंड से ज्यादा का समय है तो गाड़ी बंद कर ले अगर 10 सेकेंड से कम समय है तो गाड़ी बंद करने की जरूरत नहीं है. मैं खासतौर पर बच्चों से निवेदन करना चाहता हूं कि अपने मम्मी पापा को जरूर याद दिलाएं कि जब रेड लाइट पर खड़े हों तो गाड़ी बंद करें."
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