Hardik Patel Exclusive: लोकसभा के बाद राज्यों को ओबीसी की अपनी सूची बनाने का अधिकार देने वाले महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधेयक को आज राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई. ओबीसी के आरक्षण के मुद्दे पर देश के अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शन होते रहे हैं. हार्दिक पटेल का नाम भी उसमें शामिल है, जिन्होंने 2015 में आंदोलन शुरू किया था और पाटीदारों को एकजुट किया था. सरकार के मौजूदा फैसले पर गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने एबीपी न्यूज़ से बात की.


हार्दिक पटेल ने राज्यों को ओबीसी की अपनी सूची बनाने का अधिकार देने वाले बिल का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इसमें विपक्ष ने भी सरकार का पूरा सहयोग किया. उन्होंने कहा कि अब गुजरात सरकार को पटेल समुदाय को लेकर एक आर्थिक और सामाजिक सर्वे कराना चाहिए. दूसरे राज्यों में ये अलग-अलग समुदाय की बात हो सकती है. समाज की हकीकत का क्या है इसको जानने के लिए सर्वे होना चाहिए.


कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर ओबीसी की लिस्ट तैयार करने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया है तो अब आरक्षण की सीमा पचास फीसदी करने को लेकर चर्चा होनी चाहिए. लोकसभा और राज्यसभा से पास बिल का अगर सही से उपयोग नहीं हो पाया तो वो एक रद्दी कागज बनकर रह जाएगा.


हार्दिक पटेल ने कहा कि जिसकी जितनी भागीदारी है उसे उस हिसाब से हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सवर्णों के लिए आर्थिक आधार पर जब दस फीसदी आरक्षण लाया गया था तब भी मैंने स्वागत किया था.


क्या पीएम मोदी और उनकी सरकार का शुक्रिया करेंगे?


इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले जनमत के विरोधी नहीं हैं. हम उनकी गलत नीतियों को विरोधी हैं. जब वे कोई अच्छा काम करेंगे तो हम जरूर स्वागत करेंगे.


क्या अब गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण मिल जाएगा?


इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब जब राज्यों को ओबीसी की लिस्ट बनाने का अधिकार दिया गया है तो हम ओबीसी कमीशन के सामने अपनी बात रखने वाले हैं. जब तक गुजरात में आर्थिक और सामाजिक आधार पर पाटीदार समाज का सर्वे नहीं हो जाता है, तब तक कुछ साफ नहीं होगा.


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