(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Exclusive: 30 करोड़ लोगों के वैक्सीन देने में कितना समय लगेगा, जानें एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का जवाब
बुधवार को एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने वैक्सीन की दूसरी डोज ली. 16 जनवरी को उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज ली थी. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में अपने अनुभव शेयर किए और साथ ही टीकाकरण को लेकर विस्तार से बातचीत की.
नई दिल्ली: दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ली है. इन्होंने 16 जनवरी को पहली डोज ली थी. डॉ गुलेरिया ने भारत में वैक्सीनेशन, उसकी रफ्तार, कैसे और कब तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, इस सभी मुद्दों पर एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
आपने आज दूसरी डोज़ ली है, कई लोगों ने पहली डोज भी नहीं ली है, इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब- मुझे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आई. मैंने पहला डोज़ लेने के बाद भी पूरे दिन काम किया. मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई. आज मैंने दूसरा डोज़ लिया है और मैं बिल्कुल ठीक हूं और इसलिए लोगो से कहना चाहूंगा कि सिर्फ मेरी बात ही नहीं है, अगर आप आंकड़े देखें तो लाखों को वैक्सीन लग चुकी है. इसलिए अफवाओं पर न जाएं, आगे आकर वैक्सीन लगाएं. यही मौका है जब आप अपने आप को प्रोटेक्ट कर सकते हैं. क्योंकि पैंडेमिक अभी खत्म नहीं हुआ है. अभी लड़ाई बाकी और ये हमारे पास हथियार है और हमे मौका खोना नहीं चाहिए.
क्या आप को लगता है कि वैक्सीन को लेकर अभी भी हिचकिचाहट है, ग्रेस पीरियड क्या है?
जवाब- मेरा मानना है कि कई लोग कई कारण से दूसरा डोज़ लेने में आगे-पीछे हो सकते हैं. चार से छह हफ्ते का गैप है. आप उसमें लगा सकते हैं. लोग धीरे-धीरे आएंगे. जिन लोगों ने पहला डोज़ लगाया है वो दूसरा डोज़ लगा लेंगे. क्योंकि अब कॉन्फिडेंस है. एक डोज़ लगा लिया तो पूरा कोर्स करें, तभी हमारी इम्युनिटी हो जाएगी, क्योंकि पहला डोज़ प्राइमरी डोज़ है. सेकंड डोज़ बूस्टर डोज़ है. दोनों लगने के बाद ही आपकी जो इम्युनिटी...एंटीबाडी है वो अच्छी मात्रा में बनेगी जिसे आपको कोरोना वायरस से प्रोटेक्शन मिलेगा.
काफी धीमी रफ्तार से चल रहा है वैक्सीनशन, इस रफ्तार से करेंगे तो क्या 30 करोड़ लोगों टीका लगा पाएंगे?
जवाब- जो स्लो चला उसके कई कारण हैं. एप और डिस्ट्रीब्यूशन की बात करें तो उसमें अगर कोई कमी है तो वो पूरी हो जाएगी. अब हम ऐसे स्टेज में है कि इसको खोल सकते हैं. ज्यादा वैक्सीनेशन कर सकते हैं. अधिक सेंटर बना सकते है. अगले कुछ दिनों में पेस है वो और ज्यादा हो जाएगा. लेकिन इसके साथ-साथ लोगों को भी आगे आकर वैक्सीन लगवानी चाहिए. दोनों चीज़ मैच होनी चाहिए. हम अधिक सेंटर खोल देंगे और अगले फेज के लोगों को वैक्सीन देनी शुरू कर देंगे तो हमें पैरेलल काम शुरू कर देना चाहिए. हमारे पास इतने डोज़ हों कि हम इसको मैच कर सकें, इतनी साइट हो कि इसको मैच करें तो हमारा वैक्सीनेशन एकदम जंप कर जाएगा. मुझे लगता है ये कुछ दिनों में हो जाएगा. ये बिल्कुल संभव है. अभी तक की तैयारी में कोई दिक्कत नहीं आई है, इसलिए ये संभव है. हमने पल्स पोलियो अभियान किया, चुनाव किए हैं तो उस तरह से इस तरह का मेगा इवेंट करने में हम सक्षम हैं.
भारत में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन करने में कितना समय लग सकता है?
जवाब- इसमें कुछ महीने तो लगेंगे क्योंकि नंबर ज्यादा है. देश मे डिस्ट्रीब्यूशन भी ज्यादा है तो समय लग सकता है लेकिन अगले 4 से 6 महीने में पूरा हो सकता है.
महाराष्ट्र और केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. आपको लगता है कि ऐसी कोई चीज़ करना जरूरी है जो वहां नहीं हो रही है? जवाब- हम लगातार कह रहे हैं कि कोरोना को लेकर उचित व्यवहार जरूरी है. कई जगह देखा गया है कि मास्क लगाना बंद हो गया है, फिजिकल डिस्टेंस नहीं है. लोकल ट्रेन और बस में ऐसे हालात है. यहां एक एरिया बन जाता है, जहां वायरस फैल सकता है. टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट हमें जारी रखना है. कांटेक्ट ट्रेसिंग जारी रखे ताकि चैन ऑफ ट्रांसमिशन टूट सके. इसके साथ वैक्सीनेशन भी जारी रहे. केरल और महाराष्ट्र में केस अभी इतने कम नहीं हुए. कुछ बढ़ रहे हैं. कुछ जगहों पर तो अग्रेसिव काम करने की जरूरत है ताकि और राज्यों में न फैले. भारत-चीन के बीच एलएसी पर टकराव क्यों था सदी का सबसे बड़ा विवाद, इस तस्वीर से समझें पूरी बात