Russia News: रूस और यूक्रेन युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर भारतीय नागरिक भी लड़ाई करने को मजबूर हैं. इस लड़ाई में अभी तक कई भारतीयों की जान जा चुकी है. इसी बीच रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन में लड़ने के लिए मजबूर किए गए भारतीय रूस की सीमा के भीतर ले आया गया है. 


उन्हें यूक्रेन की फ्रंटलाइन से वापस रूस के रोस्तोव में लाया गया है. अब तक 23 भारतीयों को रोस्तोव लाया जा चुका है. इन सभी को बस के जरिए वापस लाया गया है. 


रिश्तेदारों को फोन करके दी जानकारी


इन भारतीय ने फोन करके अपने रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी दी है. इन लोगों को सेक्योरिटी गार्ड्स की नौकरी के नाम पर रूस भेजा गया था. अब इन लोगों को भारत वापस भेजने की तैयारी चल रही है. 


PM मोदी ने उठाया ये मुद्दा


अपने रूस के दौरे के दौरान पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्राइवेट डिनर पर इस मुद्दे को उठाया था. इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी की बात को मानते हुए रूसी सेना में फंसे भारतीय युवाओं की वापस स्वदेश भेजने का फैसला किया था. 


PM मोदी से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इसे मुद्दे को उठाया था. उन्होंने 4 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया था.


धोखे से किया गया युद्ध में शामिल


यूक्रेन के खिलाफ रूस की ओर से युद्ध में लड़ते हुए कम से कम दो भारतीयों की मौत हो गई है. इससे पहले युद्ध क्षेत्र में फंसे दर्जनों लोगों ने दावा किया था कि उन्हें धोखे से इस युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था.