Afghanistan News: हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर चलाए गए राहत और बचाव अभियान को 'ऑपरेशन देवी शक्ति' (Operation Devi Shakti) नाम दिया गया है. इस ऑपरेशन का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'ऑपरेशन देवी शक्ति रखा है'. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी कि आखिर ये नाम कैसे अस्तित्व में आया. ऑपरेशन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ये नाम इसलिए चुना गया था क्योंकि निर्दोष नागरिकों को हिंसा से बचाने का ये एक प्रयास है, जैसे 'माँ दुर्गा' निर्दोषों को राक्षसों से बचाती हैं ठीक वैसे ही क़ाबुल से निर्दोष लोगों को बचाने और सुरक्षित निकालने के लिए ये ऑपरेशन चलाया गया है. सूडान में भारतीयों को निकालने के लिए भी ऐसे ही ऑपरेशन संकट मोचन चलाया गया था. वैसे पीएम नरेंद्र मोदी देवी दुर्गा के बहुत बड़े भक्त हैं और दोनों नवरात्रों में नौ दिनों का उपवास रखते हैं. नौ दिनों तक सिर्फ गर्म पानी पीते हैं और कभी कभी एक समय एक फल ही भोजन में लेते हैं.


हाल ही में सीसीएस की बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने केबिनेट को निर्देश दिया था कि अफगानिस्तान से आए लोगों के बचाव अभियान को मानवीय नजरिए से देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि न केवल हिंदुओं और सिखों जैसे अल्पसंख्यकों को विभिन्न उड़ानों से अफगानिस्तान से वापस लाएं, बल्कि कई अफगान नागरिकों ने भी संकट की इस घड़ी में भारत आने का विकल्प चुनना पसंद किया है, इसलिए उन्हें भी भारत लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए.


तालिबान से घिरे काबुल के ताजिक शहर से निकाले जाने के एक दिन बाद भारत मंगलवार को अपने 25 नागरिकों और दुशांबे से कई अफगान सिखों और हिंदुओं सहित 78 लोगों को वापस लाया. सिख धर्मग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियों के साथ समूह को सोमवार को भारतीय वायु सेना के एक सैन्य परिवहन विमान द्वारा काबुल से दुशांबे ले जाया गया. इस मौक़े पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वी मुरलीधरन ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लोगों का स्वागत भी किया.


मंगलवार की निकासी के साथ दिल्ली वापस लाए गए लोगों की संख्या 16 अगस्त के बाद से 800 से अधिक हो गई. पहला जत्था तालिबान द्वारा अफगान राजधानी शहर पर नियंत्रण करने के एक दिन बाद काबुल से एयरलिफ्ट किया गया था.


पुरी ने ट्वीट किया, "थोड़ी देर पहले काबुल से दिल्ली के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के तीन पवित्र स्वरूप को प्राप्त करने और उन्हें प्रणाम करने का सौभाग्य मिला." एयर इंडिया की एक फ्लाइट से लोगों को दुशांबे से वापस लाया गया. ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत, नाटो और अमेरिकी विमानों द्वारा काबुल से निकाले जाने के कुछ दिनों बाद, भारत कतर की राजधानी दोहा से चार अलग-अलग उड़ानों में अपने 146 नागरिकों को दिल्ली वापस लाया.
 
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्ज़ा कर लिया था. काबुल पर तालिबान के कब्जे के दो दिनों के भीतर भारत ने 200 लोगों को निकाला, जिसमें भारतीय दूत और अफगान राजधानी में अपने दूतावास के अन्य कर्मचारी शामिल थे. पहली निकासी उड़ान से 16 अगस्त को 40 से अधिक लोगों को वापस लाया गया था, जिनमें ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मचारी थे.


हालांकि ऑपरेशन अभी ख़त्म नहीं हुआ है और अगले कुछ दिन तक ये ऑपरेशन देवी शक्ति चलने की उम्मीद है. 


 



अफगानिस्तान में यूक्रेन का एक विमान हाइजैक, रेस्क्यू करने आए विमान को ईरान ले जाने का दावा


Afghanistan Crisis: पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच 45 मिनट तक फोन पर हुई बात, अफगानिस्तान के हालात पर हुई चर्चा