एक्सप्लोरर

Exclusive: बाटला हाउस एनकाउंटर पर किताब लिखने वाले ED के पूर्व निदेशक ने खोली पाकिस्तान की पोल

दिल्ली में हुए 50 से ज्यादा बम धमाकों को सुलझाने वाले पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आतंकवाद पर मुठभेड़ के बाद नेताओं द्वारा की जाने वाली राजनीति से भी खासे खफा दिखे.

नई दिल्ली: "आतंकवाद पर एक नेशनल पॉलिसी की जरूरत है. एनकाउंटर मामलों के लिए एक पोलिटिकल कानसेस होना चाहिए, यदि किसी के पास सबूत हैं तो सिस्टम को दें सिस्टम जांच करा के यदि गलत कार्रवाई हुई है तो सजा दे. पाकिस्तान रह रह कर अपने आतंक के चेहरे बदलता है और अपने रेजीडेंट एजेंट भारत भेजता रहता है." ये बातें बाटला हाउस एनकाउंटर की 12वीं बरसी के मौके पर ईडी के पूर्व निदेशक और तत्कालीन संयुक्त आयुक्त करनैल सिंह ने कही हैं. सिंह ने बाटला हाउस एनकाउंटर पर किताब लिखी है, जिसमें बाटला हाउस एनकाउंटर से संबंधित सिलसिलेवार जानकारी दी गई है. बाटला हाउस एनकांउटर ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया था. साल 2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद पहली बार इस एनकांउटर के जरिए आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का नाम सामने आया था. इस एनकांउटर में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के तेजतर्रार इन्सपेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हुए थे.

एबीपी न्यूज से खास बातचीत करते हुए करनैल सिंह ने कहा कि बाटला हाउस एनकाउंटर के 12 साल बीतने के बाद मुझे इस किताब को लिखने की जरूरत इसलिए महसूस हुई कि जमीनी स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिए पुलिस अधिकारी किन परिस्थितियों का सामना करते हैं, चाहे वह स्पेशल सेल के हों या फिर किसी दूसरी जांच एजेंसी के. उन्होंने कहा कि साथ ही अपने अधिकारियों के अथक प्रयासों को भी मैं हाईलाइट करना चाहता था. लिहाजा मैंने किताब लिखी.

दिल्ली में हुए 50 से ज्यादा बम धमाकों को सुलझाने वाले पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आतंकवाद पर मुठभेड़ के बाद नेताओं द्वारा की जाने वाली राजनीति से भी खासे खफा दिखे. उनका मानना है कि बाटला हाउस एनकाउंटर साल 2008 में हुआ था, तब पांच राज्यों में चुनाव होने थे और साल 2009 में लोकसभा के चुनाव होने थे. सभी लोग तो ऐसे नहीं हैं, लेकिन उस समय राजनीति के कुछ सेक्शन ऐसे थे, जिन लोगों ने इस मामले का फायदा उठाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हो सके.

जब करनैल सिंह से सवाल किया गया कि क्या आप मानते हैं कि आतंकवाद के मामलों में इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए तो पूर्व सुपर कॉप ने कहा कि एक पोलिटिकल कानसेस होना चाहिए कि यदि किसी को लगता है कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि जो काम हुआ है, वह गलत हुआ है तो उसे वो सबूत एजेंसी को या सिस्टम को बताने चाहिए. सिस्टम अपनी जांच करे और यदि कुछ गलत हुआ है तो एक्शन होना चाहिए, लेकिन अगर गलत नहीं हुआ तो बिना सबूतों के पब्लिक परशेप्शन नहीं बनाना चाहिए. इसलिए आतंकवाद पर नेशनल पॉलिसी की जरूरत है.

करनैल सिंह ने कहा कि आतंकवादी मुठभेड़ के मामलों में जांच बहुत होती है, ऐसे मामलों में पहले वरिष्ठ अधिकारी जांच करते हैं, मैंने भी की. उसके बाद एनएचआरसी, एसडीएम और अपराध शाखा. अपराध शाखा तो अपनी रिपोर्ट ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को सौंपती है और इस केस में तो माइनॉरिटी कमीशन ने भी इंक्वायरी की. मेरा मानना है कि आतंकवाद संबंधी मामलों की अलग अलग शाखाओं में जांच के लिए एक एजेंसी होनी चाहिए, जो इसकी जांच करे, क्योंकि जिस अधिकारी ने आतंकवादी पकड़ा है, उसकी एनर्जी उससे आगे की कड़ी को पकड़ने में लगनी चाहिए, जबकि उसकी एनर्जी तो रिपोर्ट बनाने में लग जाती है.

पाकिस्तान, भारत में अपनी नापाक चालों के लिए किस तरह से जाल बिछाता है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले पाकिस्तान अपने यहां से लोगों को ट्रेनिंग देकर आतंक फैलाने के लिए भेजता था. बाद में उसने अपने रेजिडेंट एजेंट भेजने शुरू किए. रेजीडेंट एजेंट का मतलब होता है कि वहां का आदमी यहां आकर अपने फर्जी दस्तावेज बनवाता है फिर धंधा और शादी करता है और फिर पाकिस्तान से आने वाले दूसरे लोगों को पनाह देता है और गोला बारूद इकट्ठा करता है. ऐसा एक मामला साल 1998 में पकड़ में आया था जब दिल्ली में 42 धमाकों के राज खुले थे.

9/11 की घटना के बाद यूएन और एफएटीएफ ने अपना शिकंजा कसा तो पाकिस्तान ने भारत से लोगों को बुलाकर आतंक की ट्रेनिंग देनी शुरू की और इंडियन मुजाहिदीन वाला फेज ऐसा ही फेज था. 2008 के बाद धीरे धीरे इंडियन मुजाहिदीन खत्म होता गया और अब इसके बचे खुचे लोग पाक दुबई में हैं. आईएम खत्म होने पर फिर पाकिस्तान ने अपना ध्यान कश्मीर पर लगाना शुरू कर दिया है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया है. पाकिस्तान को अब लोन मिलने में परेशानी आयेगी. यह कंपनियों पर निर्भर होगा कि उसे लोन दें या ना दें. एजेंसी काफी सतर्कता बरत रही है. चौकसी की वजह से आतंकी सफल नहीं हो पा रहे.

यह पूछे जाने पर कि बाटला हाउस में सबसे ज्यादा आपको किस बात ने परेशान किया तो उन्होंने जवाब में कहा कि इस मामले में फाल्स नैरेटिव क्रिएट करने की कोशिश की गई. ये कहा गया कि आतंकवादी इनोसेंट थे. मोहन को उसकी टीम ने गोली मार दी. बिना सच को जाने तोड़ मरोड़ कर स्टोरी पेश की गई. जब उनसे पूछा गया कि आपको सबसे ज्यादा सकून किस बात पर मिला तो पूर्व ईडी निदेशक ने कहा कि मुझे सकून मिला कि सुप्रीम कोर्ट तक ने कहा कि बाटला मुठभेड़ सही था.

ये भी पढ़ें: आई विटनेस का दावा- दिशा सालियान के साथ हुआ था बलात्कार, पता लगाना चाहते थे सुशांत सिंह राजपूत 

Exclusive: कृषि बिलों से MSP और मंडी खत्म नहीं होंगी, फैलाया जा रहा है भ्रम-कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'सरकार कबूल करे जिम्मेदारी', नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोला जमात-ए-इस्लामी हिंद?
'सरकार कबूल करे जिम्मेदारी', नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोला जमात-ए-इस्लामी हिंद?
'यूट्यूबरों ने भड़काया, भोले हैं बृजवासी', NRI सोसाइटी अध्यक्ष ने प्रेमानंद महाराज से मांगी माफी
'यूट्यूबरों ने भड़काया, भोले हैं बृजवासी', NRI सोसाइटी अध्यक्ष ने प्रेमानंद महाराज से मांगी माफी
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

USA में Health Aid को लेकर क्यों हो रही है Problems? | Health LiveNew Delhi Railway Station Stampede: स्टेशन पर भगदड़ का कसूरवार कौन? कैसे मची भगदड़? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: फेल क्राउड मैनेजमेंट...प्लेटफॉर्म बदलने का अनाउंसमेंट? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: पिछले हादसों से क्यों सबक नहीं लेता रेल मंत्रालय? | Breaking | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'सरकार कबूल करे जिम्मेदारी', नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोला जमात-ए-इस्लामी हिंद?
'सरकार कबूल करे जिम्मेदारी', नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोला जमात-ए-इस्लामी हिंद?
'यूट्यूबरों ने भड़काया, भोले हैं बृजवासी', NRI सोसाइटी अध्यक्ष ने प्रेमानंद महाराज से मांगी माफी
'यूट्यूबरों ने भड़काया, भोले हैं बृजवासी', NRI सोसाइटी अध्यक्ष ने प्रेमानंद महाराज से मांगी माफी
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
बीता हफ्ता मुहब्बत वाला, इश्क के दुश्मनों वाले दिन आए रे भइया...खुद देख लें पूरी लिस्ट
बीता हफ्ता मुहब्बत वाला, इश्क के दुश्मनों वाले दिन आए रे भइया...खुद देख लें लिस्ट
IPL 2025 LSG Schedule: 24 मार्च को दिल्ली कैपिटल्स से लखनऊ सुपर जायंट्स का पहला मैच, जानें LSG का फुल शेड्यूल
24 मार्च को दिल्ली कैपिटल्स से लखनऊ सुपर जायंट्स का पहला मैच, जानें LSG का फुल शेड्यूल
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर क्यों करते हैं पंचक्रोशी परिक्रमा? श्रीराम ने की थी शुरूआत
महाशिवरात्रि पर क्यों करते हैं पंचक्रोशी परिक्रमा? श्रीराम ने की थी शुरूआत
कोई हिंदू लड़की अगर मुस्लिम से शादी कर ले तो क्या होगा, पिता की प्रॉपर्टी में मिलेगा हिस्सा?
कोई हिंदू लड़की अगर मुस्लिम से शादी कर ले तो क्या होगा, पिता की प्रॉपर्टी में मिलेगा हिस्सा?
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.