दिल्ली: देश भर में नीट और जेईई की परीक्षाओं पर लोग अपनी अपनी राय रख रहें हैं. कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना काल को देखते हुए अभी स्थिति ऐसी नहीं है कि परीक्षाएं कराई जाएं. वहीं कुछ लोग परीक्षा कराने के पक्ष में दिख रहें है. ऐसे में केंद्रीय शिक्षा सचिव अमित खरे ने नीट और जेईई की परीक्षाओं के मामले में एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की.
केंद्रीय शिक्षा सचिव, अमित खरे ने कहा, कि पहले तो मैं बता दूं कि जो भी छात्र और अभिभावक है सरकार उन सब का सम्मान करती है. अब विषय है कि कुछ छात्र-छात्राएं परीक्षा आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं, और बहुत सारे छात्र-छात्रा परीक्षा तय तिथि में कराने की मांग कर रहे हैं. अब परीक्षा को बार-बार टाला नहीं जा सकता. पहले ही इसे दो बार स्थगित किया जा चुका है. पहले मार्च से जुलाई और जुलाई से सितंबर किया जा चुका.
अब यदि परीक्षा टाली गई तो दिसंबर से पहले नहीं हो सकेगी और इससे पूरा एकेडमिक ईयर बर्बाद हो जाएगा. इसलिए सितंबर में जो तारीखें तय की गई है उसी में परीक्षाएं आयोजित की जाएगी. यह अलग बात है कि उसके लिए कहा गया है गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की जो SOP है उसका पालन किया जाए.
इसके लिए एग्जामिनेशन सेंटर की संख्या बढ़ाई गई है, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. मास्क और सैनिटाइजेशन कि व्यवस्था करने को कहा गया है. पश्चिम बंगाल सरकार के लॉकडाउन घोषित किए जाने पर सचिव बोले, हमारी सभी राज्यों के मुख्य सचिव से लगातार बात हुई है. एनटीए और स्वास्थ्य सचिवों से भी बात हुई है और कहा गया है कि जो व्यवस्था छात्रों के लिए जरूरी वह आप करें.
जेईई की परीक्षा के लिए मैं कह सकता हूं कि आज के दिन में कोई भी परीक्षा केंद्र कंटेनमेंट जोन में नहीं रखा गया है. नीट के मामले में यदि कोई सेंटर कंटेनमेंट जोन में आएगा तो सेंटर बदल दिया जाएगा. ऐसे निर्देश दिए गए हैं.
राज्य सरकारों के सहयोग ना करने की स्थिति में परीक्षा रद्द करने की कोई संभावना है इस पर उनका कहना है कि अगर यह परीक्षा राज्यवार होती है तो किसी भी राज्य में बदला जा सकता था. लेकिन यह टेस्ट पूरे देश का है. इसलिए किसी में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता.
प्रत्येक राज्य में नोडल अधिकारी है, एनटीए लगातार राज्य सरकारों के संपर्क में हैं. परीक्षा सुचारू रूप से संपन्न की जाएगी. यहां सरकार और विपक्ष की बात नहीं है, यह बच्चों के भविष्य का मामला है. हमारे लिए सभी का सम्मान है. यह देखना होगा कि परीक्षा देने के लिए बहुत सारे लोग उत्सुक हैं. लगातार हमारे पास मैसेज और ईमेल आ रहे है. लोग कह रहे हैं कि तीसरी बार और परीक्षा आगे मत करिएगा. बच्चे तैयारी कर रहे हैं उन्हें निराश होना पड़ेगा.
शिक्षाविद बार-बार कह रहे हैं कि यदि अब पोस्टपोन किया गया तो एकेडमिक ईयर बर्बाद हो जाएगा. और फिर पिछली बार भी जब छात्रों ने यह मांग की तब जुलाई से बढ़ाकर सितंबर कर दिया गया था. तो यह नहीं कहा जा सकता कि हमने छात्रों की बात नहीं मानी. लेकिन आप जो वर्तमान परिस्थितियां हैं कुछ छात्र स्थगित करना चाहते हैं बहुत से लोग परीक्षा देना चाहते हैं. इसलिए सब लोग मिलकर सहयोग करें और परीक्षा संपन्न कराएं.
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