महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने हाल ही में अर्बन नक्सलवाद और ईवीएम के संबंध में सदन को जानकारी देते हुए काठमांडू में हुई एक बैठक का जिक्र किया था. इस बैठक के बारे में एबीपी को एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है. 


जानकारी के मुताबिक, 12 से 14 नवंबर 2023 के बीच काठमांडू के कांतिपुर इलाके में माओवादियों की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी. यह बैठक विशेष रूप से माओवादियों के शीर्ष कमांडरों के लिए थी. इस बैठक में भारत, नेपाल, बांग्लादेश और मणिपुर से माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य शामिल थे. इस बैठक में महत्वपूर्ण रणनीतियों पर चर्चा हुई.


महाराष्ट्र से शामिल चार से पांच लोग


इस बैठक में महाराष्ट्र से कम से कम चार से पांच लोग भी उपस्थित थे जिनमें एक प्रमुख बुद्धिजीवी भी शामिल था. ये बुद्धिजीवी भारत जोड़ो अभियान से जुड़ा था और कांग्रेस व राहुल गांधी की ओर से आयोजित इस अभियान का सक्रिय हिस्सा था. महाराष्ट्र चुनाव के दौरान इस व्यक्ति ने संविधान की रक्षा के लिए आंदोलन भी किया था और सरकार विरोधी नारे लगाए थे.


माओवादियों ने दिए गए चौंकाने वाले निर्देश


काठमांडू बैठक के बाद माओवादियों को आगामी चरणों के लिए नए निर्देश दिए गए. विशेष रूप से महाराष्ट्र और देशभर में ईवीएम के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की योजना बनाई गई. बैठक में इस आंदोलन को चार चरणों में बांटकर लागू करने का निर्देश दिया गया था.


पहला चरण – मीडिया और समाज के माध्यम से ईवीएम पर संदेह पैदा कर आरोप लगाए जाएंगे ताकि लोगों में शंका का माहौल बने.


दूसरा चरण – महाराष्ट्र के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी ईवीएम के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी और बैलेट पेपर के द्वारा चुनाव कराए जाने की मांग की जाएगी.


तीसरा चरण – महाराष्ट्र में समाज के विभिन्न वर्गों, खासकर मुस्लिम, दलित और ओबीसी समुदायों को, जो महागठबंधन सरकार से नाराज हैं, सड़कों पर उतारकर सरकार के खिलाफ माहौल पैदा किया जाएगा.


चौथा चरण – अंत में, आंदोलन को हिंसक रूप देने की योजना है जिसमें सरकार के खिलाफ सड़क पर लड़ाई शुरू की जाएगी, और अराजकता की स्थिति का आरोप लगाया जाएगा।


माओवादियों ने रची बड़ी साजिश


काठमांडू में हुई इस बैठक के बाद माओवादियों के शीर्ष कमांडरों ने अपने कैडरों को इन रणनीतिक निर्देशों को लागू करने के लिए कहा है. इससे यह स्पष्ट होता है कि आगामी समय में महाराष्ट्र और देश में राजनीतिक माहौल को प्रभावित करने के लिए माओवादियों द्वारा बड़े पैमाने पर साजिश की जा रही है.