Exclusive: कैसे एक डॉक्टर की गलती से फैला संक्रमण और क्या है ‘भीलवाड़ा मॉडल’, सीएम अशोक गहलोत ने दी हर जानकारी
राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल की खूब चर्चा हुई. एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसीव बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि आखिर इस मॉडल ने कैसे काम किया और क्या-क्या फैसले लिए गए?
नई दिल्ली: कोरोना वायरस को रोकने की दिशा में राजस्थान के ‘भीलवाड़ा मॉडल’ की बीते दिनों खासी चर्चा हुई. इसको लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने बताया कि कैसे राजस्थान के कोरोना हॉटस्पॉट भीलवाड़ा को सीमित किया गया और उसके लिए क्या-क्या उपाय हुए?
जिले में करीब 32 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई- गहलोत
अशोक गहलोत ने कहा, ‘’एक डॉक्टर की बेवकूफी की वजह से भीलवाड़ा में 27 केस आ गए. अस्पताल के नर्स, मरीज, ओपीडी और आईपीडी के कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए. इसके बाद हमने तुरंत शहर के बॉर्डर पर कर्फ्यू लगाया. तमाम तरह के ट्रांसपोर्ट, पब्लिक व्हीकल, प्राइवेट गाड़ियों रोक दिया गया. पूरे जिले में करीब तीन हजार टीमें बनाई गईं. उन्हें फिर घर-घर भेजा गया. पूरे जिले के अंदर करीब 32 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई. इससे ये मामलू पड़ गया कि कहां-कहां संभावना है. जहां लक्षण थे उन्हें क्वॉरन्टीन में भेज दिया गया. आज भी करीब 8320 लोग क्वॉरन्टीन में होंगे.’’
कोरोना के खिलाफ हमें क्रूर होना पड़ेगा- मुख्यमंत्री
एक्सक्लूसिव जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा के 25 लोगों का कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव पाया गया है. 27 केस थे उनमें से दो की मौत हो गई. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘’कोरोना वायरस के खिलाफ रूथलेसली एक्ट किया गया. वेल मैनेज्ड काम हुआ. रूथलेस कंटेनमेंट किया गया. ये एक तरीका है कोविड 19 को रोकने का. उसी पर हम चल रहे हैं.’’ यानी मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हमें कोरोना वायरस से लड़ना है तो इसके खिलाफ क्रूर होना पड़ेगा.
इस मॉडल को दूसरे राज्यों को भी भेजा- गहलोत
अशोक गहलोत ने आगे कहा, ‘’मैंने इस मॉडल को देश के दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजा कि आप इसका एग्जामिन करें. अगर आपको अच्छा लगता हो तो इसे लागू करें. हमारे यहां करीब चालीस जगहों पर कर्फ्यू लगा हुआ है.’’
लॉकडाउन हटाने के सवाल पर क्या कहा?
क्या लॉकडाउन खत्म कर देना चाहिए या आगे बढ़ना चाहिए, इस सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि ये राज्यवार स्थिति बनेगी. किन राज्यों में कितने मरीज हैं, किन राज्यों में कहां-कहां पर एक साथ केस हैं, इन चीजों को देखते हुए राज्यों को फैसला लेना होगा. उन्होंने कहा, ‘’पूरी इकॉनमी ठप हो गई है. काम धंधे बंद हो गए हैं. रोजगार ब्लॉक हो गया है. लेकिन एक साथ में इसको खोल भी नहीं सकते हैं. अगर हमें इसे खोलना भी होगा तो इसे सेक्टर वाइज खोलेंगे. इसके साथ ही जिन इलाकों में हॉटस्पॉट हैं, वहां कर्फ्यू या लॉकडाउन लागू रहे ये सोचना पड़ेगा. हमने एक कोर ग्रुप बनाया है, जहां हमारी बातचीत चल रही है. परसों प्रधानमंत्री के साथ हमारी वीडियो कॉन्फ्रेंस भी है.’’
मजदूरों के खाते में ढाई हजार रुपये भेजे- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी आदमी की जान नहीं जानी चाहिए और कोई भूखा नहीं सोना चाहिए. हर मजदूरों के खाते में हमने ढाई-ढाई हजार रुपये भेज दिए. दो महीने के एक साथ में पेंशन बांट दिए, दो फ्री दे दिए. गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग की गई.