ABP EXCLUSIVE: तबरेज कांड के बाद खौफ में धातकीडीह गांव, धमकी के बाद पुलिस का पहरा
तबरेज अंसारी की 22 जून को अस्पताल में मौत हो गई थी. भीड़ ने तबरेज की 17 जून को बाइक चुराने के शक में सरायकेला के धातकीडीह गांव में बुरी तरह पिटाई की थी. इस दौरान उसे धार्मिक नारे लगाने के लिए भी मजबूर किया गया.
नई दिल्ली: 17 जून को तबरेज अंसारी की पिटाई और 22 जून को उसकी अस्पताल में मौत के बाद झारखंड के सरायकेला का धातकीडीह गांव लोगों की जुबान पर बस गया. कारण बुरा था और घटना शर्मनाक थी लेकिन 10 दिनों बाद भी जो माहौल इस गांव में है वो डरावना है. सड़कें अब भी सूनी है, लोग सहमें हैं, महिलाएं घर के अंदर रहना ठीक समझ रही हैं.
दरअसल हिंसा के बाद धातकीडीह गांव में ताबड़तोड़ 11 गिरफ्तारी हुई और उसके बाद से भय और खौफ के माहौल की वजह से गांव के लोग घर छोड़कर भाग गए हैं अब इस गांव में नाम मात्र के पुरूष बचे हु हैं और ज्यादातर महिलाएं डरी सहमी हैं.
एक महिला ने पूरी घटना बताते हुए कहा है कि अब गाड़ियों में लोग आते हैं और पूछते हैं गांव में पुरूष नहीं है? हम घर के भीतर चले जाते हैं. वे बलात्कार की धमकी देते हैं, गांव को बम से उड़ाने की धमकी देते हैं. AIMIM का झंडा लगाकर गाड़ियों से आये लोग ओवैसी जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, धमकी देते हैं कि सबको मार देंगे.
दो और महिलाओं ने उड़िया-हिंदी मिली जुली भाषा में बताया कि उनके बच्चों को पुलिस ले गई है और अब कमाने वाला कोई बचा नहीं है, खाने पीने के लायक भी कुछ नहीं बचा है.
धातकीडीह गांव में सुरक्षा कड़ी है. हर तरफ पुलिस का पहरा है. गांव में तैनात मजिस्ट्रेट बच्चन लाल यादव ने बताया कि डर की वजह से पुलिसबल तैनात किया गया है, लोग घरों में नहीं हैं थोड़ा डर का माहौल है.
जब से डर की वजह से लोग गांव छोड़कर गए हैं उसके बाद से कुछ असामाजिक तत्व के लोग यहां के लोगों को डरा धमका रहे हैं. इसलिए प्रशासन की तरफ से सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है लेकिन जिस तरह से भय और खौफ के माहौल में यहां के लोग जी रहे हैं वो डराने वाला है. अगर सामाजिक सौहार्द को नहीं बनाया गया तो माहौल और भी खराब हो सकता है.
तबरेज अंसारी ने 22 जून को अस्पताल में दम तोड़ा था. उन्हें बाइक चुराने के शक में भीड़ ने सरायकेला के धातकीडीह गांव में बुरी तरह पीटा था और पुलिस के हवाले कर दिया था. जिसके बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई और अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
भीड़ ने उसके साथ 17 जून को पिटाई की थी. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे. विपक्षी दलों ने सवाल किया कि आखिर कैसे पुलिस ने मारपीट करने वाले शख्स को पकड़ने की बजाय तबरेज को गिरफ्तार किया.
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तबरेज की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बयान दिया. पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा, ''विपक्ष कह रहा है कि झारखंड मॉब लिंचिंग का अड्डा बन गया है. हमें युवक की मौत का दुख है. दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए. लेकिन क्या इसके लिए पूरे झारखंड को बदनाम करना ठीक है? इससे किसी का भला नहीं होगा. अपराध होने पर उचित क़ानून और संविधान के दायरे में कार्रवाई करनी चाहिए.''