नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी क्राइम प्रवीर रंजन ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि पुलिस ने 26 जनवरी के दंगों के सिलसिले में 44 केस दर्ज किए हैं जिसमें से 14 क्राइम ब्रांच की टीम इन्वेस्टिगेट कर रही है. इन्वेस्टिगेशन बहुत ही साइंटिफिक तरीके से शुरुआत की है. कई टीमें बनाई हैं जो विशेष तौर पर इन मामलों को देख रही है.
प्रवीर रंजन ने बताया कि फॉरेंसिक टीम बुलवाएं हैं और मौके का मुआयना किया है. कई सारे एविडेंस कलेक्ट किए हैं. साथ में लोगों ने भी उस समय के वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ हैं. सभी को एग्जामिन किया जा रहा है. चेहरों को पहचानने की कोशिश की जा रही है. जो गाड़ियां और ट्रैक्टर लेकर आए उनके नंबर, ऑनरशिप डिटेल और ये किन-किन इलाकों से लाए गए थे ये सारी जानकारियां जुटाई जा रही हैं. सिस्टमैटिक तरीके से इन्वेस्टिगेशन चल रही है. उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की शिनाख्त कर पाएंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
दीप सिद्धू को लेकर क्या बोले?
प्रवीर रंजन ने कहा कि दीप सिद्धू और उसके साथियों ने लाल किले पर उस दिन झंडा फहराने और गेट तोड़ने में भाग लिया था. उनके पीछे टीम लगाई हुई है. उनकी गिरफ्तारी के लिए कई जगह पर रेड की जा रही है. दिल्ली पुलिस ने कल इनाम की भी घोषणा की है. इनके ऊपर चार लोग हैं जिनके ऊपर एक लाख का का इनाम है और अन्य चार लोग हैं जिनकी पहचान हुई है. इन चार के ऊपर पचास हजार का इनाम डिक्लेअर किया है. हमारी तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है कि इनको जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "आपको मालूम है कि जो केस दर्ज हुए हैं वो इस बात के लिए दर्ज हुए कि उस दिन संयुक्त किसान मोर्चा के लीडर्स ने जो अंडरटेकिंग दिल्ली पुलिस को दिया था उसका पूरा वॉयलेशन हुआ. न तो रूट को फॉलो किया और कई सारी ऐसी चीजें भी थी जो उनको नहीं करनी थी. ट्रैक्टर ज्यादा संख्या में थे...लोग ज्यादा नंबर में थे...वॉलिंटियर्स नहीं थे...कई बातें सामने आ रही हैं. बहुत डिटेल में जांच की जा रही है. मैं किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन जिनके खिलाफ भी एविडेंस मिलेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
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