Agnipath Scheme Protest: सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा लाई 'अग्निपथ स्कीम' को लेकर देशभर में प्रदर्शन (Protest) जारी है. चार दिन से सरकार के फैसले का विरोध के बीच Abp न्यूज ने अग्निपथ योजना को बनाने वाले एडिश्नल सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी से खास बातचीत की है. उनसे इस योजन से जुड़े कई सवाल पूछे गए.
सवाल- अग्निपथ योजना के पीछे की क्या सोच है?
जवाब- फौज के अंदर इस योजना की जरूरत आज से नहीं बल्कि कारगिल युद्ध के वक्त से है. उस वक्त कारगिल युद्ध कमिटी ने कहा था कि हमारे देश के अंदर जो सेना है उनका बॉर्डर पर शांति बनाए रहने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने कहा कि हमारी एवरेज एज आज 32 साल है लेकिन हमें उस वक्त ही उस उम्र को कम करके 26 साल करने को कहा गया था. इस स्कीम को लाने के पीछे एक ही मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा जवान इस स्कीम के अंदर आ सकें.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि साल 2030 तक हमारे देश के 50 प्रतिशत लोग 25 साल की उम्र से कम होंगे. ये जो हमारा इतना बड़ा डेमोग्राफिक डिवेडेंट है, हमारी भारतीय सेना इसका रिफ्लेक्शन होना चाहिए. दूसरी बात की हमारे से पहले की पीढ़ी टेकनोलॉजी के साथ इतनी फ्रेंडली नहीं थी जबकि आने वाली पीढ़ी हमसे कहीं कदम आगे होगी. उनकी टेक्नोलॉजी के इस समझ से हमें फायदा मिल सकता है. वह इस समझ का इस्तेमाल देश की रक्षा के लिए कर सकते हैं. ये योजना सेना को यंग बनाने के लिए लाई गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना को किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाई. ये होल ऑफ द गवर्नमेंट अप्रोच है. उन्होंने कहा कि इस योजना के उपर एक दिन में काम नहीं हुआ बल्कि पिछले 2 साल विचार किया जा रहा है.
सवाल- अग्निपथ योजना ज्यादा फायदेमंद कैसे?
जवाब- हम इस योजना के तहत 17 से 21 साल के युवाओं की भर्ती करना चाहते थे. लेकिन हाल ही में लोगों की मांग को देखते हुए परसों इसकी उम्र 21 साल से 23 साल कर दी गई. क्योंकि युवा हमारे देश का भविष्य है और हम इसके साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के साथ जुड़ने वाले 25 प्रतिशत युवा आगे भी देश की सेवा करते रहेंगे वहीं बचे 75 प्रतिशत युवा इस योजना से स्किल्स लेकर जाएंगे. सेना की ट्रेनिंग युवाओं को आगे बढ़ने में भी काफी मददगार साबित होगी.
सवाल- 4 साल बाद युवक क्या करेंगे?
जवाब- 10वीं के बाद आने वाले युवक को 12वीं की सर्टिफिकेट दी जाएगी. वहीं दूसरी तरफ चार साल बाद युवक अनुशासन का पाठ पढ़ लेंगे जो कि उनके फ्यूचर को और बेहतर और कॉन्फिडेंट बनाएगा. उन्होंने कहा कि सेना में आने वाले ज्यादातर युवा गांव से आते हैं. 4 साल के अंदर वो 12 लाख रुपये जमा कर पाएंगे. इस 12 लाख रुपये से वह कुछ अपना शुरू कर सकते हैं. चाहे तो नया ट्रैक्टर लेकर खेती का काम भी जारी रख सकते हैं. 12 लाख रुपये से युवा रोजगार कर सकते हैं.
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