जहांगीरपुरी हिंसा मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद अंसार को लेकर कई खुलासे होते दिखे हैं. वहीं, एबीपी न्यूज़ ने जब इलाके में पहुंचकर अंसार के बारे में जानना चाहा तो कोई भी शख्स ऐसा नहीं मिला जिसने अंसार के बारे में ऑन कैमरा बयान दिया हो. लोगों में अंसार के नाम को लेकर एक खौफ देखने को मिला. वहीं, हिडन कैमरा में दिए एक शख्स के बयान से सामने आया कि अंसार कबाड़ का धंधे के एवज में चोर बाजार चलाता था.
दरअसल, हिडन कैमरे में एक शख्स के दिए बयान में अंसार के काले कारनामों का राज़ खुला है. शख्स बताता है कि, अंसार इस इलाके में 20 साल से रह रहा है. अंसार सिर्फ दिखाने के लिए कबाड़ का धंधा करता है जबकि इसकी एवज में वो जहांगीरपुरी के रामलीला मैदान में चोर बाजार चलाता है. उसने बताया इसमे मोबाइल से लेकर अन्य कई प्रकार की चीजे़ वो बेचता है.
इलाके में चलाता था सट्टा
शख्स ने बताया, चोर बाजार के अलावा कुशल सिनेमा के पीछे एक पार्किंग भी है जिसमें आधा हिस्सा अंसार का है. वो इलाके में सट्टा भी चलाता है. इतना ही नहीं वह पुलिस के साथ भी सांठगांठ रखता है. यही कारण है कि वे खुलेआम इस इलाके में जहां चाहे वहां पर कबाड़ी का गोदाम बना देता है. शख्स ने ये भी कहा कि, किसी को पुलिस से छुड़ाना हो तो वो भी अंसार के पास ही जाता है. हमें या रहना है इसलिए हम उसके बारे में खुलकर नहीं बोल सकते. हम परिवार वाले आदमी हैं. काम धंधे वाले आदमी हैं.
क्या पुलिस को कुछ नहीं पता?
एबीपी न्यूज़ ने हिडन कैमरे पर ही कुछ और लोगों से भी अंसार के बारे में जानना चाहा. कुछ लोगों ने उसके बारे में बात की लेकिन खुलकर कोई भी बात करने को तैयार नहीं था. सबके मन में एक अनदेखा डर था. उन्होंने अंसार के बारे में दबी जबान में ये तो कहा कि हां कुछ तो बात है, जो उसका इलाके में इतना नाम है और पुलिस ने उसे पकड़ा है. लेकिन यह भी सवाल उठता है कि आखिर उसका इतना बड़ा नाम कैसे हुआ? क्या पुलिस को उसके बारे में पहले से कुछ नहीं पता था? कुछ लोग बोले भी कि वह सट्टा चलाता है. कबाड़ी का गोदाम चलाता है. बदमाशी करता है. नाबालिगों को संरक्षण देता है, लेकिन उनके साथ वालों ने उन्हें इशारे से चुप करवा दिया. इन लोगों से बातचीत कर यही प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं अंसार को लेकर इलाके में दहशत है और यही सबसे बड़ी वजह भी है जो कोई भी उसके काले संसार के बारे में खुलकर बोलने को तैयार नहीं है.
झंडा मस्जिद में डाला- अमन कमिटी के सदस्य
वहीं, अमन कमिटी के सदस्य इशाक प्रधान ने दावा किया है कि वो खुद 16 अप्रैल को मस्जिद के बाहर मौजूद थे. 2 शोभायात्रा पहले निकली थीं उनका स्वागत हम लोगों ने किया था. अंसार ने भी किया था. शाम को रोज़ा खुलने का समय था अंसार वहां नहीं था. शोभायात्रा वाले जोर से बैंड बजाते हुए आये. जय श्रीराम के नारे लगाए, झंडा मस्जिद में डालने लगे. मस्जिद की छत से कोई पत्थर नहीं चला है.
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