Exclusive: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- हम कानूनों में बदलाव को तैयार, सरकार का कोई ईगो नहीं
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अगर परिवर्तन से गतिरोध टूट सकता है तो हम इसके लिए तैयार हैं. लेकिन इसके ये मायने नहीं निकाले जाने चाहिए कि कानूनों में कोई खराबी है.
![Exclusive: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- हम कानूनों में बदलाव को तैयार, सरकार का कोई ईगो नहीं Exclusive Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar said ready to amend farm laws ANN Exclusive: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- हम कानूनों में बदलाव को तैयार, सरकार का कोई ईगो नहीं](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/12/17233635/tomar-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले दो महीनों से जारी है. कल गणतंत्र दिवस परेड के बाद किसानों की ट्रैक्टर रैली होनी है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसीव बातचीत की. उन्होंने कहा कि एमएसपी को डेढ़ गुणा करने से लेकर पीएम किसान योजना तक, प्रधानमंत्री ने अनेक योजना शुरू की है जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है. वहीं कृषि कानूनों पर उन्होंने कहा कि हम कानूनों में परिवर्तन तक करने को तैयार हैं.
सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने, किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सके, किसान नई फसलों की ओर आकर्षित हों और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन कर सकें, इस नीयत से कृषि सुधार कानून को लाया गया. हमारे देश में अधिकांश किसान कानून के समर्थन में हैं लेकिन कुछ किसान बंधु जिनमें पंजाब की संख्या ज्यादा है इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं. लोकतंत्र में विरोध का सम्मान होना ही चाहिए. भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के प्रति संवेदनशील हैं.
किसान भाई धीरे-धीरे बात समझ रहे हैं
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि किसान भाई हमारी बात को धीरे-धीरे समझ रहे हैं. बैठक में भी जब चर्चा होती है तो बहुत सारे लोग उसमें सहमत दिखाई देते हैं लेकिन निर्णय नहीं हो पा रहा है. अब किसान यूनियन क्यों निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे है वही बताएंगे. लेकिन मैं समझता हूं कि किसान यूनियन की जिम्मेदारी बनती है और किसानों को वाजिब दाम मिले किसानों का कल्याण हो भला हो ये सबका प्रयास होना चाहिए.”
आंदोलन खत्म न हो, इसके पीछे कोई ताकत
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक में बहुत अच्छा माहौल रहता है और कई चीजें बड़ी गंभीरता से होती हैं. लेकिन जैसे ही निर्णय की तरफ बढ़ने की होता है तो उसमें कुछ न कुछ बदलाव आ जाता है. उन्होंने कहा, “इसलिए मुझे ऐसा लगता है कि कोई ना कोई व्यक्ति ऐसा है, कोई न कोई ताकत ऐसी है जो यह किसान आंदोलन खत्म ना हो इस दिशा में काम करती है और हम वह हमारी बात को बिगाड़ देती है.”
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि लेकिन फिर भी हम लोकतांत्रिक देश होने के नाते सरकार साफ नीयत से किसानों के बारे में बातचीत करना चाहती है और मैं आज भी इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि मैं किसान यूनियन से बात कर रहा हूं. वो किसानों की अगुवाई कर रही है हम दोनों का उद्देश्य किसानों का भला करना है इसलिए हम किसी नतीजे तक पहुंचेंगे.
साफ नीयत से लाया गया कानून
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “कृषि सुधार बिल बहुत ही मनोयोग से और साफ नीयत से लाई गई है. मैं आज भी इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि इनमें किसानों का फायदा ही फायदा है कहीं भी नुकसान नहीं है. लेकिन फिर भी अगर किसी किसान के मन में कोई गलतफहमी है तो वह यूनियन के माध्यम से बात सामने आए तो लोकतंत्र में हमको यूनियन की बात का और किसानों के बात का सम्मान रखना चाहिए.”
सरकार का कोई ईगो नहीं, परिवर्तन करने को भी तैयार
इसके आगे उन्होंन कहा, “इसलिए मैंने पहले भी कहा कि भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशीलता के विचार करना चाहती है और इसलिए किसानों के सम्मान में कोई परिवर्तन करने की आवश्यकता हो तो हम वह परिवर्तन करने तक को भी तैयार हैं. इसके मायने यह नहीं लगाने चाहिए कि कानून में कोई खराबी है. लेकिन अगर परिवर्तन से बात बन सकती है और गतिरोध टूट सकता है...एक अच्छा माहौल हो सकता है तो सरकार को इसमें कोई अहम या ईगो नहीं है.”
जब रिस्पॉन्स आएगा तो हम भी रिस्पॉन्ड करेंगे
कृषि मंत्री ने कहा, “मैं समझता हूं कि अभी एक-दो दिन हुए हैं 22 तारीख को यह बैठक हुई थी. कल 26 तारीख का कार्यक्रम है. जल्दी ही उनकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स आएगा और जब रिस्पॉन्स आएगा तो हम भी रिस्पॉन्ड करेंगे. स्वाभाविक रूप से जो बातचीत जो टेबल पर हो रही है वह अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे. अंतिम निर्णय के समय जो बातचीत रहेगी उस पर हम अमल करेंगे. मैं समझता हूं कि किसान यूनियन जवाबदारी से अपने आंदोलन को अनुशासित तरीके से संचालित कर रही है. इसके लिए मैंने सामूहिक रूप से भी धन्यवाद दिया. 26 जनवरी का कार्यक्रम है वह भी पूरी जवाबदेही के साथ संपन्न करेंगे और जैसा मैंने देखा है प्रशासन और पुलिस के साथ उनके संपर्क चल रहा है मुझे पूरी आशा है कि कोई भी घटना दुर्घटना नहीं हो इसकी चिंता किसान भाई करेंगे.”
ट्रैक्टर रैली के लिए कोई और दिन चुनते तो अच्छा रहता
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है. यह हमारे देश का त्योहार है. किसान इसके अलावा कोई और दिन चुनते तो अच्छा रहता. उन्होंने कहा, “मैं आपके माध्यम से सभी किसानों को कहना चाहता हूं कि जो कानून के पक्ष में है और जो कानून के पक्ष में नहीं हैं...भारत सरकार इन कानूनों को बड़ी जिम्मेदारी के साथ लेकर आई हैं और उनका क्रियान्वयन हो रहा था उसका लाभ मिल रहा था.”
आने वाले दिनों में किसान कानूनों को समझेंगे
कृषि मंत्री ने कहा कि बीच में उच्चतम न्यायालय ने क्रियान्वयन पर रोक लगाई है लेकिन यह कानून सभी किसानों के लिए अच्छी है तो जो किसान इसके समर्थन में है वह भी धन्यवाद के पात्र हैं जो किसान इनके समर्थन में आज नहीं हैं. ईश्वर से कामना करता हूं कि वह भी आने वाले कल में कानूनों को समझेंगे और किसानों के हित की बात का समर्थन करेंगे. वार्ता का जो दौर चल रहा था उसको हमने ब्रेक किया है. हमने कहा कि अब आप अपना मत बताइए. उनका मत जब आएगा तो हम बातचीत करेंगे.
शरद पवार का राज्यपाल पर निशाना, बोले- कंगना रनौत से मिलने का वक़्त है लेकिन किसानों से नहीं
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)