Power Crisis: देश के कई राज्यों में कोयले की आपूर्ति में कमी की शिकायत की है. मौजूदा स्थिति पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा बारिश इसके पीछे की एक वजह है. अधिक बारिश की वजह से सप्लाई और प्रोडक्शन में थोड़ी कमी आई थी. दूसरी वजह इंपोर्डेट कोयले का भाव है जो बहुत ज्यादा हो गया है. 


केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं कोई आरोप नहीं लगाना चाहता लेकिन हमने राज्यों से जनवरी से लेकर जुलाई तक आग्रह किया था कि आप हमसे कोयला लेकर स्टॉक बढ़ाइए क्योंकि बारिश होने पर मुश्किल होती है लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. जबकि उनको पैसा नहीं देना था, क्रेडिट पर कोयला मिलता.” उन्होंने कहा कि रोज़ाना जो कोयला भेजा जा रहा है वो जारी रहेगा. अगले 15-20 दिनों में स्टॉक बढ़ने लगेगा. कई राज्यों के पास कैप्टिव कोयला खदान हैं उसका भी उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया.


प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इंपोर्टेड कोयले का भाव करीब 60 डॉलर प्रति टन था जो अभी बढ़कर करीब 190 से 200 डॉलर प्रति टन हो गया है. 30 से 35 फीसदी बिजली जिनका प्रोडक्शन इंपोर्टेड बेस्ड पावर प्लांट के जरिए किया जाता वो बंद पड़ा हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम दो दिनों से 19 लाख टन से ज़्यादा कोयला मुहैया करवा रहे हैं जो मांग से ज़्यादा है. 21 अक्टूबर से 20 लाख टन की मांग की गई है, जो हम मुहैया करवाएंगे.


केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमने कल 1.94 मिलियन टन कोयला सप्लाई किया है, इतिहास में ये घरेलू कोयले की सबसे ज़्यादा सप्लाई है. पहले जो 15-20 दिन का कोयले का स्टॉक था वो कम हुआ है लेकिन कल कोयले का स्टॉक बढ़ा है. मुझे विश्वास है कि कोयले का स्टॉक बढ़ेगा, पैनिक करने की स्थिति नहीं है."


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