नई दिल्लीः किसान आंदोलन के चलते संभावित नुकसान को कम करने के लिए बीजेपी ने योजना तैयार की. इस योजना के तहत बीजेपी किसान मोर्चा की ओर से 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर अभियान चलाएगा. बीजेपी किसान मोर्चा इस अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के हर छोटे-बड़े गांव तक पहुंच कर किसानों को तीनों कृषि कानूनों और सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देगा. इस दौरान बीजेपी के कार्यकर्ता कृषि कानून के फायदे बताएंगे.


इसी कड़ी में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक किसान सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री किसानों से जुड़ी हुई कुछ बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं. इन घोषणाओं में गन्ना मूल्य वृद्धि का ऐलान भी किया जा सकता है. माना जा रहा है कि सरकार के इस ऐलान से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को खासा फायदा मिलेगा और उनकी नाराजगी को काफी हद तक कम किया जा सकता है. यह सम्मेलन 18 सितंबर को होना था, लेकिन अभी टाल कर दिया गया है.


वहीं करीब 2 महीने तक चलने वाले इस अभियान के दौरान बीजेपी किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के छोटे बड़े गांवों तक पहुंच कर किसानों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा खास तौर पर किसानों को लेकर चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी देगा. इस अभियान के दौरान किसान मोर्चा किसान नेताओं द्वारा किसानों के जहन में जो सवाल खड़े किए गए हैं उन सब का भी जवाब देगा. साथ ही ये बताने की कोशिश करेगा कि किसान नेता लोगों को सिर्फ गुमराह करने का काम कर रहे हैं.


बीजेपी किसान मोर्चा अध्यक्ष राजकुमार चहर ने बताया कि योगी और मोदी सरकार किसानों की दिक्कतों और उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार हैं. इसी वजह से अभी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने से जुड़े हुए जो मामले थे वह वापस ले लिए गए हैं और गन्ने की कीमत को लेकर भी सीएम योगी बखूबी वाकिफ है. उन्होंने कहा कि 18 तारीख वाला कार्यक्रम बारिश की वजह से फिलहाल टाल दिया गया है लेकिन आने वाले दिनों में होगा. अगले दो महीनों के दौरान हम किसानों तक पहुंचेंगे और उनको एक पुस्तक भेंट कर कृषि कानूनों के फायदे बताने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के जरिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी बताएंगे.


राजकुमार ने कहा कि जो लोग किसान नेता बन रहे हैं वह खुद किसी ना किसी पार्टी से जुड़े हुए हैं और वह सिर्फ किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. उनके कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं. राकेश टिकैत ने जो काम किया वह बहुत शर्मसार करने वाला है क्योंकि उन्होंने उन जाटों से अल्लाह हू अकबर का नारा लगाया जिन्होंने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी.


वहीं 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर के बीच चलने वाले इस अभियान के दौरान किसान मोर्चा की कोशिश होगी कि वह उत्तर प्रदेश के किसानों को यह समझा सके की केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने जो योजनाएं शुरू की है उसका सबसे ज्यादा फायदा छोटे किसानों को मिलेगा. इस दौरान किसान मोर्चा किसानों के सामने आंकड़ों के तरीके बताने की कोशिश भी करेगा कि तीनों कृषि कानूनों के आने के बाद किस तरीके से किसानों को फायदा मिला है और आने वाले सालों में किस तरह का फायदा मिलेगा.


मुकदमे वापस


किसान सम्मेलन से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में और उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. यूपी सरकार ने पराली जलाने के मामले में किसानों के ऊपर दर्ज सैकड़ों मुकदमों को वापस ले लिया है. यूपी सरकार में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी ने बयान जारी करते हुए कहा कि किसान विकास में अहम किरदार निभाते हैं इसीलिए यूपी सरकार ने फैसला किया है कि उनके खिलाफ पराली जलाने के जो मामले दर्ज हुए हैं उनको वापस लिया जा रहा है.


यानी कुल मिलाकर बीजेपी की रणनीति साफ है कि किसान आंदोलन से होने वाले किसी भी तरह के संभावित नुकसान को कम किया जा सके और इसी कड़ी में बीजेपी किसान मोर्चा इस अभियान की शुरुआत कर रहा है. गौरतलब है कि अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसमें से दो राज्य ऐसे हैं जिनमें इस किसान आंदोलन का सीधा असर पड़ सकता है और ये राज्य हैं उत्तर प्रदेश और पंजाब. इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी किसानों तक पहुंचने के लिए अलग-अलग योजनाओं पर काम कर रही है और किसान मोर्चा का यह अभियान भी उसी कड़ी का एक हिस्सा है.


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