नई दिल्लीः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर बड़ी बात कही है. एबीपी न्यूज से Exclusive बातचीत के दौरान उन्होंने लोजपा संसदयी दल के नेता को लेकर भी अपनी राय रखी. इसके अलावा एबीपी न्यूज से Exclusive बातचीत के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी. 


सवाल- 2 साल में संसद की बैठकों में कई रिकॉर्ड बने लेकिन आने वाले 3 साल आपके लिए ज्यादा चुनौती भरे होने वाले हैं ?
जवाब- अध्यक्ष के तौर पर 2 साल का कार्यकाल निश्चित रूप से नए रिकॉर्ड हम ने बनाए हैं लेकिन आने वाले समय के लिए हमारे सामने कई चुनौतियां भी हैं हमने सबसे ज्यादा बिल पास करने का रिकॉर्ड बनाया है हमने सुनी काल में सबसे ज्यादा सांसदों को बोलने का अवसर देने का रिकॉर्ड बनाया है हमने सबसे ज्यादा महिला सांसदों कुछ चर्चा में हिस्सेदारी का रिकॉर्ड बनाया है


सवाल- युवा सांसद आपसे बहुत खुश हूं क्योंकि उनकी भागीदारी चर्चा में और बहस में हिस्सेदारी बढ़ी है , आमतौर पर बड़ी चर्चाओं में बहसों में पार्टियां भी अनुभवी सांसदों को आगे करती हैं मुश्किल था यह कर पाना?
जवाब- लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर हमारी कोशिश होती है कि युवाओं को महिलाओं को ज्यादा भागीदारी मिले. हमने सबसे ज्यादा युवा सांसदों को बोलने का मौका दिया है. अनुभव का अपना महत्व है लेकिन युवा सांसदों को चर्चा में ज्यादा से ज्यादा हिस्सा लेना चाहिए. मैं हमेशा लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर इस को प्रोत्साहन देता रहा हूं.


सवाल- नए संसद भवन के निर्माण को लेकर विपक्ष के नेता सवाल उठा रहे हैं कि कोरोना वायरस जब देश को अस्पताल निर्माण करवाने चाहिए तो संसद भवन का निर्माण क्यों कराया जा रहा है?
जवाब- नई संसद भवन का निर्माण समय पर होगा उसमें नई तकनीक का नए सुरक्षा बंदोबस्त का इंतजाम होगा. हमारी कोशिश है कि यह अब तक पुरानी संसद भवन में जो खामियां रहे उनको दूर करके बनाया जाए. पुराने भवन में जगह की भी कमी थी और मेंटेनेंस भी बहुत ज्यादा था. इसलिए नए संसद भवन की जरूरत महसूस हुई. सदन में सांसदों ने इसका प्रस्ताव पास किया और उसके बाद यह प्रस्ताव हमने सरकार के पास भेजा जिसके बाद इस पर सहमति बन गई. सदन के बाहर कौन क्या कह रहा है इससे ज्यादा मेरा संबंध नहीं है.


सवाल- संसद भवन की कैंटीन जिस की सब्सिडी खत्म की गई उसमें सांसद कम सुरक्षाकर्मी और संसद भवन के कर्मचारी ज्यादा भोजन करने आते थे ऐसे में उन्हें ही सबसे ज्यादा इसका लाभ मिलता था कई कर्मचारी कह रहे हैं कि मीडिया के दबाव में यह फैसला लिया गया?
जवाब- संसद में खानपान की व्यवस्था एक कमेटी देखती है उसकी सिफारिश के बाद हमने उसको खत्म किया था. लोगों को मीडिया को खास तौर पर इस पर बहुत आपत्ति थी कि सांसद सब्सिडी वाला फूड खा रहे हैं. हालांकि, इस सब्सिडी का लाभ संसद में काम करने वाले कर्मचारियों को भी मिलता था लेकिन भविष्य में कोई भी ऐसा विचार नहीं है कि इस सब्सिडी को दोबारा शुरू किया जाए.


सवाल- एलजीपी दो फाड़ हो गई है एक गुट ने पशुपति पारस को अपना नेता चुन लिया आपने उनको संसदीय दल का नेता की मान्यता दे दी है लेकिन चिराग पासवान कह रहे हैं कि उनके पार्टी के संविधान के मुताबिक संसदीय बोर्ड ही संसदीय दल के नेता की नियुक्ति कर सकता है?
जवाब- एलजीपी का संविधान क्या कहता है वह अलग बात है लेकिन संसद के अपने नियम और परंपराएं हैं. संसद में सदन का नेता चुने जाने की एक प्रक्रिया है. उस प्रक्रिया का पालन किया गया और उस मीटिंग के मिनट मेरे दफ्तर को दिए गए. जिसके बाद मेरे दफ्तर ने इसकी पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली और उसके बाद हमने पशुपति पारस को एलजेपी का संसदीय दल का नेता घोषित किया है. हां चिराग पासवान ने भी हमें एक पत्र भेजा है.


सवाल- चिराग पासवान के पत्र के बाद क्या आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे?
जवाब- अभी तो स्थिति यह है कि पशुपति पारस एलजेपी के सदन के नेता हैं. चिराग पासवान ने जो पत्र भेजा है उससे इस स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. भविष्य में उनकी पार्टी क्या फैसला लेती है चुनाव आयोग क्या स्थिति बताता है उसके आधार पर ही कुछ कहना संभव हो पाएगा.


सवाल- सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट को लेकर भी विपक्ष सवाल उठा रहा है कि महामारी के दौर में यह प्रोजेक्ट नहीं चलाना चाहिए?
जवाब- सेंट्रल विस्टा केंद्र सरकार बना रही है. देश में हम दो महामारी को देख चुके हैं. इस दौरान विकास के प्रोजेक्ट नहीं रोके गए हैं. विकास के प्रोजेक्ट नहीं रोके जाने चाहिए. मुश्किलों में भारत ने मजबूती से मुकाबला किया है. कौन इस पर सवाल उठा रहे हैं मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है.


सवाल- विपक्ष सवाल उठा रहा है कि वैक्सीन प्रोग्राम सही तरीके से नहीं चलाया गया वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही है आप मानते हैं कि यह प्रक्रिया बेहद धीमी है?
जवाब- वैक्सीन की प्रक्रिया देश में चल रही है अब तक कई करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. मेरा सभी से आग्रह है कि वैक्सीन जरूर लगवाएं. वैक्सीन लगवाने से इस बीमारी से बचा जा सकता है. मैंने सभी राजनीतिक दलों से सांसदों से भी अनुरोध किया है कि वह वैक्सीन लगवाएं.


सवाल- संसद का सत्र जुलाई में या जब सरकार तय करेगी तब शुरू होगा लेकिन क्या कोई ऐसा विचार है कि संसद में सत्र में वह सांसद हिस्सा ले पाएं जो वैक्सीन लगवा चुके हैं?
जवाब- फिलहाल ऐसा कोई विचार नहीं है कि संसद का सत्र जब शुरू हो तो सभी सांसदों को कहा जाए कि संसद सत्र में हिस्सेदारी के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है लेकिन अभी तक सौ से ज्यादा सांसद वैक्सीन लगवा चुके हैं.


सवाल- संसदीय समितियों की बैठक भी डिजिटल तरीके से वर्चुअल तरीके से कराने की सांसद मांग कर रहे हैं?
जवाब- संसद की संसदीय समितियों की बैठक पार्लियामेंट के नियमों के तहत गोपनीय होती हैं और गोपनीयता बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि ऐसी बैठकों को फिजिकल तरीके से ही किया जाए. कई सांसदों ने ऐसा कहा कि इनको डिजिटली संसदीय समिति की बैठकों को आयोजित किया जाए लेकिन ऐसा संभव नहीं है. इसके लिए नियमों में बदलाव करना होगा.


सवाल- कुछ सांसद चाहते हैं कि संसद की बैठक भी वर्चुअल तरीके से की जाए महामारी तीसरी वेब का खतरा मंडरा रहा है?
जवाब- कई सांसदों ने कहा था कि संसद की बैठक भी वर्चुअल कराई जाए लेकिन ज्यादातर सांसद पक्ष में है कि संसद की बैठक फिजिकल होनी चाहिए जैसा कि अभी तक होती आई है.


सवाल- नई संसद भवन की पहली बैठक कब होगी क्या देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ नई संसद भवन में मनाएगा?
जवाब- नई संसद भवन में पहली बैठक अक्टूबर 2022 में होगी तब तक संसद भवन तैयार हो जाएगा. हमारी कोशिश है कि जब देश आजादी की 75 वीं सालगिरह मना रहा हो तब नई संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा की बैठक हो.