हिन्द महासागर की बिसात पर द्वीप पड़ोसियों को साधने की कवायद, कोलंबो जा रहे हैं एनएसए तो विदेश मंत्री पहुंचेंगे सेशल्स
हिन्द महासागर की रणनीति बिसात पर पैठ मजबूत करने की ही कड़ी में एनएसए डोभाल जहां श्रीलंका और मालदीव के साथ बात करेंगे. वहीं विदेश मंत्री सेशल्स की यात्रा पर होंगे.
नई दिल्ली: हिन्द महासागर में रणीतिक सहयोग और तालमेल बनाने के लिए भारत, श्रीलंका और मालदीव के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समकक्ष कोलंबो में जुट रहे हैं. इस त्रिपक्षीय संवाद के जरिए कोशिश हिन्द महासागर में रणीतिक सूचनाओं की साझेदारी और नौसैनिक मदद का ताना बाना मजबूत करने की कोशिश है.
हिन्द महासागर की रणनीति बिसात पर पैठ मजबूत करने की ही कड़ी में एनएसए डोभाल जहां श्रीलंका और मालदीव के साथ बात करेंगे. वहीं विदेश मंत्री सेशल्स की यात्रा पर होंगे.
विदेश मन्त्रालय के मुताबिक श्रीलंका के रक्षा सचिव सचिव के मेजर जनरल (रि) कमल गुनारत्ने के निमंत्रण पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आजीत डोभाल समुद्री सुरक्षा सहयोग पर तीनों पक्षों के बीच होनी वाली चौथी एनएसए स्तर बैठक में भाग लेने के लिए कोलंबो पहुंच रहे हैं. श्रीलंका 27-28 नवंबर, 2020 को होने वाली इस बैठक की मेजबानी कर रहा है. बैठक में मालदीव की रक्षा
त्रिपक्षीय बैठकों के सहारे भारत की कोशिश हिंद महासागर के देशों के बीच सहयोग का एक प्रभावी मंच तैयार करने की है. हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन ली बढ़ती चहल कदमी के बीच भारत जहाँ पड़ोसी द्वीप देशों के साथ संवाद बढ़ाना चाहता है वहीं साझा योजनाओं में भी निवेश की तैयारी कर रहा है.
इतना ही नहीं यात्रा के दौरान भारतीय एनएसए की दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों के साथ होने वाली बातचीत में द्विपक्षीय मुद्दों पर भी बात होगी.ध्यान रहे कि बीते दिनों श्रीलंका में दो चीनी नौसेना के रिसर्च और सर्वे युद्धपोतों के श्रीलंका पहुंचने ने भारतीय नौसेना और सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए थे. सूत्रों के मुताबिक श्रीलंका के साथ होने वाले संवाद के दौरान एनएसए डोभाल, भारतीय चिंताओं को भी एक बार फिर श्रीलंका सरकार के सामने रखेंगे.
इस बीच विदेश मंत्री डॉ जयशंकर हिन्द महासागर में भारत के एक और महत्वपूर्ण पड़ोसी सेशल्स के साथ रणीतिक बातचीत को आगे बढ़ाएंगे. तीन देशों की यात्रा पर निकले जयशंकर बहरीन और सँयुक्त अरब अमीरात का दौरा पूरा करने के बाद शुक्रवार सुबह सेशल्स पहुंच रहे हैं. नई वावेल रामकलावन सरकार के कामकाज संभालने के बाद यह किसी विदेशी नेता ही पहली सेशल्स यात्रा है.
भारत की कोशिश जहाँ सेशल्स में भारतीय सहयोग परियोजनाओं को पटरी पर रखने की हैं. वहीं नाइसैनिक क्षेत्र में आपसी साझेदारी को भी मजबूत बनाने का प्रयास भी भारत कर रहा है. इस कड़ी में सेशल्स में भारत की मदद से Assomption द्वीप पर नैसैनिक ठिकाना बनाने की योजना को भी आगे बढ़ाया जाना है.
इससे पहले विदेश सचिव डॉ हर्षवर्धन श्रृंगला मालदीव का दौरा कर चुके हैं. इस यात्रा के दौरान भारत ने मालदीव को 100 मिलियन डॉलर का सहयोग अनुदान देने का समझौता किया था.