एक्सप्लोरर
Advertisement
एग्जिट पोल: यहां जानें बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों का हाल, किस सीट से कौन से उम्मीदवार के घर बंटेगा 'रसोगुल्ला'?
आसनसोल: बता दें कि आसनसोल सीट पर 2014 में बीजेपी ने जीत हासिल किया था. इस बार यह सीट बीजेपी के बाबुल सुप्रियो के हाथ से खिसक सकता है. टीएमसी की मुनमुन सेन की जीतने की संभावना बनती दिख रही है.
नई दिल्ली: 17वीं लोकसभा चुनने के लिए सातों चरण में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. 23 मई को लोकसभा की 542 सीटों के नतीजे घोषित होंगे. लेकिन एग्जिट पोल के जरिए एबीपी न्यूज नीलसन ने पश्चिम बंगाल की 42 सीटों का हाल जानने की कोशिश की है. एग्जिट पोल के मुताबिक राज्य में बीजेपी ने जोरदार इंट्री मारी है. एग्जिट पोल में टीएमसी को 24, बीजेपी को 16 और कांग्रेस को 2 सीटें मिलती दिख रही हैं. एग्जिट पोल में लेफ्ट को एक भी सीट नहीं मिलने का अनुमान है.
वीआईपी सीटों का ऐसा रह सकता है हाल
1. आसनसोल: बता दें कि आसनसोल सीट पर 2014 में बीजेपी ने जीत हासिल किया था. इस बार यह सीट बीजेपी के बाबुल सुप्रियो के हाथ से खिसक सकता है. टीएमसी की मुनमुन सेन की जीतने की संभावना बनती दिख रही है.
2. बर्धमान दुर्गापुर: इस सीट पर टीएमसी के मम्ताज संघमित्रा बीजेपी के एसएस अहलूवालिया को मात देते दिख रहे हैं. 2014 में भी इस सीट पर टीएमसी ने जीत दर्ज की थी.
3. रायगंज: इस सीट पर भी टीएमसी के कन्हैया लाल अग्रवाल को जीत मिलती दिख रही है. 2014 में सीपीएम के मोहम्मद सलीम ने यहां से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है.
4. मालदा उत्तर: मौसम नूर ने कांग्रेस के टिकट पर 2014 में इस सीट से जीत हासिल की थी. लेकिन चुनाव से ठीक पहले वो टीएमसी में शामिल हो गईं. इस सीट पर मौसम नूर को बीजेपी के खगेन मुर्मू से हार का सामना करना पड़ सकता है.
5. जंगीपुर: 2014 में इस सीट से पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. अभिजीत मुखर्जी को बीजेपी की मफूजा खातुन से हार का सामना करना पड़ सकता है.
6. बैरकपुर: पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी को टीएमसी ने इस सीट से उम्मीदवार बनाया है और वह जीत करते हुए दिख रहे हैं. 2014 में भी दिनेश त्रिवेदी को इस सीट पर जीत मिली थी.
7. श्रीरामपुर: इस सीट पर टीएमसी के नेता कल्याण बनर्जी ने 2014 में जीत की थी. इस बार भी कल्याण बनर्जी ही यहां से जीत दर्ज कर सकते हैं.
8. हुगली: 2014 में हुगली सीट पर रतन डे को जीत मिली थी. टीएमसी के रतन डे को बीजेपी के लॉकेट चटर्जी से हार का सामना करना पड़ सकता है.
9. घाटल: दीपक अधिकारी टीएमसी के इस सीट से 2014 में जीते थे. इस बार भी दीपक अधिकारी टीएमसी के उम्मीदवार हैं और वह बीजेपी के भारती घोष को हराते दिख रहे हैं.
10. मेदिनीपुर: इस सीट से टीएमसी की संध्या रॉय को 2014 में जीत मिली थी. लेकिन 2019 में टीएमसी ने मानस रंजन भूनिया को उम्मीदवार बनया और यहां से बीजेपी के दिलीप घोष को जीत मिल रही है.
11. डायमंड हार्बर: 2014 में टीएमसी के अभिषेक बनर्जी को इस सीट से जीत मिली थी. 2019 में भी उन्हें जीत मिलती दिख रही है.
12. जाधवपुर: 2014 में टीएमसी के सुगत बोस को इस सीट से जीत मिली थी. इस बार टीएमसी ने मिमी चक्रवर्ती को उम्मीदवार बनाया है और वह जीत दर्ज कर सकती हैं.
13. कोलकाता दक्षिण: इस सीट पर 2014 में टीएमसी को जीत मिली थी. इस बार भी टीएमसी के माला राय इस सीट से जीत रहे हैं.
14. कोलकाता उत्तर: इस सीट पर 2014 में टीएमसी के सुदीप बंधोपध्याय ने जीत दर्ज की थी. इस बार भी सुदीप बंधोपध्याय बीजेपी के राहुल सिन्हा को मात देते दिख रहे हैं.
इन सीटों पर इस पार्टी को मिलेगी जीत
15. कूच बिहार: बीजेपी
16. अलीपुरद्वार: बीजेपी
17. जलपाईगुड़ी: टीएमसी
18. दार्जिलिंग: बीजेपी
19. बालुरघाट: बीजेपी
20. मालदा दक्षिण: कांग्रेस
21. बहरामपुर: कांग्रेस
22. मुर्शिदाबाद: बीजेपी
23. कृष्णानगर: टीएमसी
24. राणाघाट: बीजेपी
25. बनगांव: टीएमसी
26. दमदम: टीएमसी
27. बारासात: टीएमसी
28. बशीरहाट: टीएमसी
29. जॉयनगर: टीएमसी
30. मथुरापुर: टीएमसी
31. हावड़ा: बीजेपी
32. उलुबेरिया: टीएमसी
33. आरामबाग: बीजेपी
34. तमलुक: टीएमसी
35. कांथी: टीएमसी
36. झारग्राम: बीजेपी
37. पुरुलिया: बीजेपी
38. बांकुरा: बीजेपी
39. बिष्णुपुर: बीजेपी
40 बर्धमान पूर्व: बीजेपी
41. बोलापुर: टीएमसी
42. बीरभूम: टीएमसी
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
बॉलीवुड
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
क्रिकेट
Advertisement
डॉ. सुब्रत मुखर्जीरिटायर्ड प्रोफेसर, दिल्ली यूनिवर्सिटी
Opinion