नई दिल्ली: दिल्ली के कपासहेड़ा इलाके में रहने वाले बालक राम अपने भाई कमल, पत्नी, गर्भवती बहन और तीन छोटे बच्चों के साथ कापसहेड़ा से अयोध्या जाने के लिए आज चले. सूरज सर पर था, इतनी तेज गर्मी कि दो कदम भी चलना मुश्किल था. पुलिस भी दिल्ली यूपी बॉर्डर पर गाजीपुर से आगे नहीं जाने दे रही थी.


सड़क किनारे छाया देखकर अपने परिवार के साथ रुक गए. कह रहे हैं अब तो मकान मालिक भी किराया मांगने लगा. राशन भी नही मिल पा रहा था. गैस की भी जरूरत होती है. कब तक रुकेंगे. ट्रेन की टिकट बुक करने की कोशिश की लेकिन नहीं हो पाई इसलिए घर तो वापस जाना ही होगा. साथ में 8 महीने, 2 साल और 3 साल के छोटे बच्चे हैं. कुछ इसी तरह सैकड़ों कि संख्या में प्रवासी मजदूर गाजीपुर के पास तपती धूप मे परेशान बैठे थे. घरों से निकल तो आए लेकिन अब पुलिस आगे जाने ही नही दे रही.


मदद के लिए लोगो ने खाने के साथ बांटा गुड़, चना और पानी की बोतल


इन लोगों की सरकार और प्रशासन सुध लेने को तैयार नहीं था. तेज धूप आगे सैंकड़ो मीलों का सफर तय करना था. वो भी तब जब प्रशासन इजाजत दे. ऐसे में इनकीं मदद के लिए कई हाथ पहुंचे. कुछ लोगो ने इन्हें बॉर्डर पर पहुचकर गुड़ चना और पानी बांटा. बीसीटीए नाम की संस्था के सेक्रेटरी सुमीत नाथ ने बताया की खाना तो यहां सभी दे रहे हैं लेकिन इन्हें एक लंबे सफर पर जाना है. इसलिए हम लोग इन्हें गुड़ चना और पानी दे रहे है. लेकिन सवाल ये उठता है की आखिरकार कैसे आये प्रवासी अपने गांव, शहर पहुचेंगे.