सांसदी के बाद महुआ से छिनेगा सरकारी बंगलाः केंद्र ने थमाया नोटिस- फौरन खाली करें नहीं तो जबरन निकाला जाएगा
Mahua Moitra: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में सांसदी चली गई. इसके बाद भी वह सांसदों को अलॉट होने वाले सरकारी बंगले में ही रह रही हैं.
Mahua Moitra Govt Bunglow: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में सांसदी गंवाने वाली महुआ को अब सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला है. नोटिस में सख्त लहजे में टीएमसी नेता महुआ से कहा गया है कि वह तुरंत उस बंगले को खाली करें, जिसे उन्हें एक लोकसभा सांसद के तौर पर अलॉट किया गया था. महुआ वर्तमान में इसी सरकारी बंगले में रह रही हैं.
टीएमसी नेता को संपदा निदेशालय की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. संपदा निदेशालय सरकारी संपत्तियों को मैनेज करने का काम करता है. नोटिस में कहा गया है कि अगर महुआ खुद से बंगले को खाली नहीं करती हैं तो उन्हें और वहां रह रहे अन्य लोगों को परिसर से बेदखल किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ती है, तो इसके लिए बलप्रयोग भी किया जा सकता है. आमतौर पर सांसदी जाने के बाद सांसदों को उन्हें अलॉट किए गए सरकारी बंगले को तुरंत खाली करना होता है.
#WATCH | Trinamool Congress Party (TMC) leader Mahua Moitra gets fresh notice to vacate her Government allotted accommodation in New Delhi.
— ANI (@ANI) January 17, 2024
The notice of Office of the Estate Officer and Assistant Director of Estates (Litigation), Directorate of Estates reads "The Applicant vide… pic.twitter.com/IJAU6GU0yO
पहले भी जारी हो चुके हैं नोटिस
दरअसल, सरकार ने अपने नोटिस में कहा कि महुआ मोइत्रा को बंगला खाली करने के लिए पर्याप्त मौके दिए गए. मगर उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है. टीएमसी नेता को सात जनवरी को सबसे पहले बंगला खाली करने को कहा गया. इसके बाद इस संबंध में उन्हें आठ जनवरी को एक नोटिस भी मिला, जिसमें तीन दिनों के भीतर बंगला खाली नहीं करने की वजह पूछी गई. संपदा निदेशालय ने फिर 12 जनवरी को भी टीएमसी नेता को इस संबंद में नोटिस भेजा.
'कैश फॉर क्वेरी' मामले में दोषी पाई गई थीं महुआ
केंद्र सरकार की तरफ से बंगला खाली करने का नोटिस तब जारी किया गया है, जब एक महीने पहले महुआ की सांसदी चली गई थी. संसदीय पैनल ने पाया था कि महुआ 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में दोषी हैं. महुआ मोइत्रा को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के साथ अपना पार्लियमेंट्री लॉगिन-आईडी पासवर्ड शेयर करने का दोषी पाया गया था. पैनल ने पाया कि महुआ को लॉगिन-आईडी पासवर्ड शेयर करने के बदले महंगे गिफ्ट्स और कैश मिले थे.
बंगला खाली नहीं करने को लेकर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
इसस पहले, सरकारी बंगला खाली नहीं करने को लेकर महुआ दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंची थीं. हाईकोर्ट ने महुआ से कहा था कि वह संपदा निदेशालय से अनुरोध करें कि उन्हें अभी बंगले में रहने दिया जाए. अदालत ने कहा था कि अधिकारियों को असाधारण परिस्थितियों में कुछ शुल्कों के भुगतान के आधार पर किसी व्यक्ति को छह महीने तक रहने की इजाजत देते हैं. अदालत ने महुआ को अपनी याचिका वापस लेकर संपदा निदेशालय के पास जाने को कहा था.
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