कोरोना वायरस का लंबे समय से पूरे भारत में कहर मचा रखा है. हालांकि कोरोना का कोई नया रूप पिछले कुछ समय से विकसित नहीं हुआ है, लेकिन एक्सपर्ट इस बात से चिंतित है कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट वैक्सीन को मात देकर लोगों को संक्रमित कर सकता है. यह ऐसे वक्त में आया है जब राज्य जीनोमिक निगरानी समिति की ओर से किए गए अनुमानों से पता चलता है कि अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से कोविड-19 के मामले बढ़ने की संभावना है.
अभी तक नहीं मिला है कोरोना का कोई नया वैरिएंट
कर्नाटक के जीनोमिक सर्विलांस कमीटि के सदस्य डॉ विशाल राव ने बताया है कि फिलहाल, हमें नोवेल कोरोनावायरस का कोई नया रूप नहीं मिला है. कर्नाटक में प्रमुख वंश AY.4 और AY.12 डेल्टा वेरिएंट बने हुए हैं. अच्छी खबर यह है कि टीकाकरण बड़े पैमाने पर इन पर नियंत्रण रख रहा है। हालांकि, अब चिंता है कि दर्ज किए जा रहे सफलता संक्रमण एक नए प्रकार के उद्भव को तेज कर देंगे जो शरीर में टीका प्रतिक्रिया से बचने का साधन हो सकता है.
26 अगस्त तक, राज्य में 14,421 नए संक्रमण दर्ज किए गए थे. स्वास्थ्य आयुक्त डॉ त्रिलोक चंद्रा ने कहा कि कुल संख्या अब बढ़कर लगभग 15,000 हो गई है. डॉ राव ने कहा कि डेल्टा में पहले से ही बचने की क्षमता है और समिति वायरस के स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन की बारीकी से तलाश कर रही है. "इस बात के सबूत हैं कि स्पाइक प्रोटीन बदल रहे हैं.
शहर स्थित निजी फर्म ब्लॉकएप्सएआई प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक श्री यिलपवनम ने कहा, "हम तीसरे सप्ताह में संभावित केस में वृद्धि देखते हैं.
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