नई दिल्ली: गुजरात में बीजेपी अपने लक्ष्य के करीब भले ही ना पहुंची हो लेकिन बहुमत के आंकड़े को पाने में कामयाब रही है. गुजरात के नतीजों का असर ना सिर्फ बीजेपी बल्कि देश के राजनीतिक हालातों पर भी भी पड़ेगा.


प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात से दिल्ली पहुंचने के बाद गुजरात में यह पहला चुनाव था. यह सीधे प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिष्ठा से जुड़ा चुनाव था. इस चुनाव को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के चुनावी गणित की असली परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था.


एबीपी न्यूज़ के राजनीतिक संपादक राजकिशोर के मुताबिक, ''गुजरात के नतीजे कुछ भी होते इनका असर 2019 के चुनाव में बीजेपी पर नहीं पड़ता. कांग्रेस के लिहाज से देखें तो यह ज्यादा महत्वपूर्ण है. कांग्रेस को गुजरात चुनाव से जो फायदा मिल सकता था वो शायद अब ना मिले.''


राजकिशोर के मुताबिक, ''बीजेपी की आतंरिक डायनामिक्स के लिहाज से यह महत्वपूर्ण चुनाव था, क्योंकि गुजरात बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यह चुनाव प्रधानमंत्री मोदी की अपेक्षा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण था. अमित शाह अगर ये चुनाव हारते तो बीजेपी में अभी प्रधानमंत्री मोदी का विकल्प भले ही ना हो लेकिन बीजेपी अध्यक्ष कोई भी बन सकता है.''


राजकिशोर बताते हैं कि अब जब गुजरात के नतीजें बीजेपी के पक्ष में आ गए हैं तो ये उनके लिए एक राहत भरी खबर जरूर है. बीजेपी 2019 से पहले सतर्क जरूर हो गई है, आगे चुनाव में वो और सतर्कता और मनोबल से जाएगी.''