गोवा को रविवार को कोरोना वायरस फ्री राज्य घोषित किया गया. राज्य के सातवें और अंतिम पेशेंट की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई. हालांकि मेडिकल क्षेत्र के एक्सपर्ट और विपक्षी पार्टियों का कहना है कि कोरोना की सही स्थिति का आकलन करने के लिए सही मात्रा में टेस्ट होने बहुत जरूरी हैं.


अभी तक गोवा में 826 सैंपल लिए गए हैं जिनमें से 780 की रिपोर्ट आ चुकी है. इनमें से 7 लोग पॉजिटिव पाए गए थे. इन सात में से भी छह लोग वो थे जो विदेश से लौटे थे.


सोमवार को यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सक्रेटरी लव अग्रवाल ने गोवा के कोरोना फ्री होने की जानकारी दी.


दूसरी ओर गोवा कांग्रेस के नेता गिरीश चोडानकर ने कहा है कि 0.04 फीसदी आबादी की जांच की गयी है. ऐसे में गोवा को कोरोना फ्री कहना जल्दीबाजी होगा. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकडों के मुताबिक 22 मार्च से 19 अप्रैल के बीच केवल 0.04 फीसदी लोगों की जांच की गई है जबकि गोवा की जनसंख्या 16 लाख है.


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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दावा किया है कि 2158 लोगों को क्वारंटीन किया गया है वहीं टेस्ट केवल 780 लोगों के हुए हैं. बाकी लोगों के टेस्ट क्यों नहीं किए गए हैं.


आपको बता दें कि भारत में कोरोना के केसों की संख्या 17656 हो गई है जिनमें से 14255 केस एक्टिव हैं जबकि अभी तक 559 लोगों की मौत हो चुकी है.


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देश भर में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं गोवा को कोरोना फ्री घोषित किया गया है. ऐसे में तमाम लोग सवाल कर रहे हैं और राज्य सरकार के दावे पर भी सवाल किए जा रहे हैं.


देखना ये होगा कि आने वाले वक्त में कोरोना के टेस्ट अधिक से अधिक हों. गोवा जैसे प्रदेश के लिए ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि गोवा एक पर्यटन स्थल है और लॉकडाउन से पहले तमाम विदेशी वहां आते रहे होंगे.