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Balakot Airstrike: जब भारतीय वायुवीरों ने उड़ाए पाक में मौजूद आतंकी कैंप, पढ़ें पूरी कहानी
पायलटों के मुताबिक वे हर दिन अलग-अलग तरह के ऑपरेशन्स को अंजाम देने की ट्रैनिंग करते हैं. पुलवामा हमले के बाद इस ट्रैनिंग को और अधिक कड़ा कर दिया गया था.
नई दिल्ली: आज बालाकोट एयर-स्ट्राइक की पहली वर्षगांठ हैं. आज से ठीक एक साल पहले भारतीय वायुसेना ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल पर हुए आतंकी हमले का बदला लिया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. क्योंकि ये आतंकी हमला पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल-बढ़ रहे आतंकी संगठन, जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर के स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था. ऐसे में देश इस हमले का बदला लेना चाहता था. देश के लिए प्राण की आहूति देने वाले जवानों की शहादत का बदला चाहता था. ऐसे में हमले के तुरंत बाद ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से बदला लेने की आवाज उठने लगी थी.
जिस तरह वर्ष 2016 में उरी हमले के बाद भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स के पैरा-एसएफ कमांडोज ने एलओसी पारकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके से संचालित आतंकी और उनके लॉन्च-पैड्स को तबाह किया था, ऐसे में पुलवामा हमले के तुरंत बाद ही पाकिस्तान ने अपनी पूरी सेना को हाई-अलर्ट पर कर दिया था. यहां तक की रिर्जव सेना को भी एलओसी पर तैनात कर दिया था ताकि भारतीय सेना किसी भी तरह एलओसी पार ना कर पाए और ना ही कोई सर्जिकल स्ट्राइक कर पाए. ऐसे में भारत के सामने पाकिस्तान से बदला कैसे लिया जाए और पाकिस्तान से संचालित आतंकी और आंतकी सरगनाओं के साथ साथ पाकिस्तानी सेना और वहां के हूकुमत को कैसे सबक सिखाया जाए, ये एक बड़ी चुनौती थी.
हमले के बाद हुई थी कैबिनेट की बैठक
पुलवाला हमले के अगले रोज ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में पीएम के साथ साथ रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, गृहमंत्री और वित्त मंत्री के साथ साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे. उसी मीटिंग में साफ हो गया था कि इस बार पाकिस्तान से बदला लेने की जिम्मेदारी वायुसेना को दी गई है.
वायुसेना पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ी कारवाई कर सकती है इसका अंदाजा उन दिनों पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के पोखरण रेंज में चल रही वायुसेना की वायुशक्ति एक्सरसाइज से लग गया था. युद्धभ्यास के आखिरी दिन यानि 20 फरवरी को तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ खुलेआम देश को भरोसा दे दिया था कि अगर सरकार इजाजत दे तो इंडियन एयरफोर्स दुश्मन की जमीं पर भी स्ट्राइक करने के लिए तैयार है. एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ की इस चेतावनी से पाकिस्तान में खलबली मच गई.
आपकों बता दें कि 22 फरवरी को एबीपी न्यूज़ से सबसे पहले बता दिया था कि इस बार पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना को सौंपी गई है. लेकिन ये साफ नहीं था कि वायुसेना की एयर-स्ट्राइक कहां होगी. क्या वो जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर, बहावलपुर में होगी या कहीं और.
25 फरवरी को पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने खुद पाकिस्तानी वायुसेना मुख्यालय का दौरा कर अलर्ट पर रहने का आदेश दिया था. लेकिन महज कुछ घंटों के भीतर ही भारतीय वायुसेना ने एलओसी पार कर पाकिस्तान में घुसकर ऐसी एयर-स्ट्राइक की कि पाकिस्तान बिलबिलाता रह गया.
2000 लड़ाकूों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी
26 फरवरी की सुबह करीब 3.00 बजे, भारतीय वायुसेना के 12 मिराज2000 लड़ाकूों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी. ये छह-छह के दो पैकेज में थे. ये दोनों ग्वालियर स्थित 1 (वन) स्कॉवड्रन और 9 (नाइन) स्कॉवड्रन के थे. नंबर वन स्कॉवड्रन को 'टाईगर्स' और नाइन को 'वुल्फपैक' के नाम से भी जाना जाता है. सभी मिराज2000 फाइटर जेट इजरायल से लिए स्पाइस2000 बमों से लैस थे. करीब 1000 किलो के इन स्पाइस 2000 'प्रेशसियन म्युनिसेन' में करीब 100 किलो बारूद भरा था (बाकी वजन इसके खोल का है जो किसी भी बड़ी से बड़ी इमारत या छत पर गिराने से उसमें होल कर दाखिल हो जाता है और अंदर जाकर फटता है.
मिराज2000 फाइटर जेट के एक पैकेज को पाकिस्तान के खबैर-पख्तुनखवां प्रांत के मनशेरा जिले के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रैनिंग कैंप पर हमला करना था. रास्ते में बरेली एयरबेस से सुखोई विमानों का एक पैकेज भी इनके साथ हो लिया. आगरा एयरबेस से एक आईएल-78 रिफ्युलर भी इनके साथ हो लिया, ताकि अगर उड़ान के दौरान रिफ्यूलिंग की जरूरत पड़े तो ये पूरा कर सके. साथ ही स्वदेशी अवैक्स यानि एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग कंट्रोल सिस्टम, यानि नेत्रा एयरक्राफ्ट भी भटिंडा से उड़ा ताकि पाकिस्तानी एयर-स्पेस पर नजर रखी जा सके और पाकिस्तानी वायुसेना की किसी भी हरकत से मिराज2000 के पायलट्स को आगाह करता रहे.
सुबह 3.40 बजे बरेली, शिमला, श्रीनगर, उरी और पीओके के मुज्जफराबाद होता हुआ मिराज2000 का पहला पैकेज एलओसी पार कर पाकिस्तान के बालाकोट के करीब पहुंचा और इनमे से पांच फाइटर जेट्स ने स्पाइस 2000 बम दाग दिए. एक जेट का निशाना थोड़ा चुक गया और वो पास के जंगल में जाकर गिरा. लेकिन चार बम सीधे जैश के ट्रैनिग कैंप में जाकर गिरे.
मिराज2000 ने निभाई अहम भूमिका
मिराज2000 का दूसरा पैकेज राजस्थान सीमा की तरफ चल गया था ताकि पाकिस्तानी वायुसेना चकमा खा जाए कि वो पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर पर हमला करने जा रहे हैं. भारतीय वायुसेना की ये चाल कामयाब हो गई और पूरी पाकिस्तानी वायुसेना राजस्थान सीमा की तरफ अलर्ट हो गई. इतनी देर में मिराज जेट्स का पहला पैकेज एलओसी से करीब 10-12 किलोमीटर दूर दाखिल हुआ और वहीं से करीब 60 किलोमीटर दूर बालाकोट पर स्पाइस बम दाग दिए. क्योंकि ये प्रेशसियन म्युनिसेन है इसलिए बालाकोट कैंप के कॉर्डिनेट इसमें पहले से ही फीड कर दिए गए थे ताकि ये सीधे वहीं जाकर गिरें. कुछ ही मिनटों में अपना मिशन खत्म कर सभी मिराज2000 फाइटर जेट्स सुरक्षित अपनी सीमा में लौट आए. इससे पहले कि पाकिस्तानी वायुसेना समझ पाती कि आखिर भारतीय जेट्स किस मकसद से पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए थे, तबतक बालाकोट टेरर कैंप के अंदर तबाही मच चुकी थी.
सुबह पांच बजकर 12 मिनट यानि 5.12 बजे, पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर ने ट्वीट कर दुनिया को बताया कि भारतीय वायुसेना ने मनशेरा में एयर-स्ट्राइक की है. हालांकि पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल का उल्लंघन किया था और जैसे ही पाकिस्तानी वायुसेना ने स्क्रएम्बल किया, भारतीय फाइटर जेट अपनी सीमा में वापस लौट गए.
करीब दो घंटे बाद यानि 7.06 मिनट पर आईएसपीआर ने एक बार ट्वीट कर बताया कि भारत के लड़ाकू विमानों ने मुज्जफराबाद सेक्टर से दाखिल हुए और बालाकोट के करीब बम गिराकर वापस लौट गए. आईएसपीआर ने ये भी दावा किया कि इस बमबारी में कोई नुकसान नहीं हुआ.
एबीपी न्यूज़ ने दी सबसे पहले जानकारी
शुरूआत में लोगों को लगा कि ये मनशेरा एलओसी के करीब वाला है. लेकिन थोड़ी ही देर में साफ हो गया कि ये खैबर-पख्तूनख्वां वाला मनसेरा है और हमला बालाकोट स्थित जैश के आंतकी अड़्डे पर किया गया है. लेकिन तबतक एबीपी न्यूज़ ने भारतीय वायुसेना की पाकिस्तान के अंदर घुसकर बालाकोट आतंकी कैंप पर हुई एयर-स्ट्राइक की पूरी जानकारी दुनिया तक पहुंचा दी थी.
सुबह करीब 12 बजे विदेश सचिव विजय गोखले ने घोषणा की कि ये 'प्री-एम्पटिव, नॉन-मिलिट्री' स्ट्राइक थी. भारतीय वायुसेना के इस हमले में बड़ी तादाद में आतंकी, जेहादी, आंतकी ट्रैनर्स और सीनियर कमांडर्स मारे गए. भारत की तरफ से ये पहली आधिकारिक घोषणा थी कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर एयर-स्ट्राइक हो चुकी है.
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