जम्मू कश्मीर में हाल ही में जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर दो ड्रोन्स के ज़रिए धमाके को अंजाम दिया गया. भारत में ड्रोन के जरिए धमाका करने का यह पहला मामला था. हालांकि इससे पहले कई बार पाकिस्तान से सटे बॉर्डर्स पर ड्रोन देखे गए हैं. यहां तक की पंजाब में सीमा पार से ड्रोन के जरिए नशीले पदार्थों की तस्करी के भी कई मामले सामने आए, लेकिन इस बार जम्मू की घटना ने सुरक्षाबलों और सरकार को चिंता में डाल दिया है. इस हमले के बाद अब भारत में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर बहस छिड़ गई है. इस रिपोर्ट में जानिए आखिर ड्रोन कैसे ऑपरेट होते हैं. इनसे क्या नुकसान हो सकता है और देश में ड्रोन्स को लेकर सरकार की क्या गाइडलाइन्स हैं.


आसान भाषा में समझिए ड्रोन क्या होता है?


ड्रोन्स को UAV यानी Unmanned aerial vehicles या RPAS यनी Remotely Piloted Aerial Systems भी कहा जाता है. यह एक ऐसा उपकरण है, जिसमें एचडी कैमरे लगे होते हैं. इसमें ऑनबोर्ड सेंसर और जीपीएस लगा होता है. इसे एक सॉफ्टवेयर के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है. इसके चारों और 4 रोटर्स लगे होते हैं, जिनकी मदद से ये आसमान की ऊंचाईयों को छूता है. आम बोल चाल वाली भाषा में इसे मिनी हैलिकॉप्टर भी कहा जाता है. एक ड्रोन का वजन 250 ग्राम से लेकर 150 किलोग्राम से भी ज्यादा हो सकता है.


कैसे ऑपरेट होता है ड्रोन?


ड्रोन को उड़ाने के लिए सॉफ्टवेयर, जीपीएस और रिमोट सबसे जरूरी होता है. रिमोट के जरिए ही ड्रोन ऑपरेट होते हैं और इनको कंट्रोल किया जाता है. ड्रोन पर लगे रोटर्स की गति को रिमोट की जॉयस्टिक के जरिए कंट्रोल किया जाता है. वहीं, जीपीएस एक प्रकार से ड्रोन का सुरक्षा कवच होता है, जो दुर्घटना होने से पहले ही ऑपरेटर को चेतावनी भेज देता है. जीपीएस की मदद से ही ड्रोन उड़ता है और इसे उड़ाने के लिए खुली जगह की जरूरत पड़ती है.


ड्रोन कहां और क्यों इस्तेमाल किए जाते हैं?


साल 1991 के खाड़ी युद्ध में अमेरिकी सेना ने अपने दुश्मन को निशाना बनाने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया था. वर्तमान में इसका इस्तेमाल....



  • ई-कॉमर्स सामानों की डिलीवरी

  • तस्वीरें लेने

  • वीडियो शूट करने

  • नेशनल हाइवे की मैपिंग करने

  • रेलवे ट्रैक की मैपिंग करने

  • वनों की निगरानी करने

  • और कृषि कार्यों से जुड़े काम और अन्य कामों के लिए किया जाता है.


आंतकी गतिविधियों को लिए हो रहा है ड्रोन का इस्तेमाल?


ड्रोन हवा में इतनी ऊंचाई पर भी उड़ सकते हैं कि जमीन पर खड़ा व्यक्ति भी उन्हें नहीं देख पाएगा. हाल ही में जम्मू में धमाके के बाद चर्चा में आए ड्रोन्स का इस्तेमाल कई आतंकी संगठन कर चुके हैं. फरवरी 2021 में एसोसिएशन ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी (AUSA) की तरफ से प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इस्लामिक स्टेट ने आतंकवाद के लिए ड्रोन का पहला सफल परिक्षण किया था.


साल 2013 में अल-कायदा ने पाकिस्तान में ड्रोन का इस्तेमाल करके कई आतंकी हमलों की कोशिश को अंजाम दिया, हालांकि उसे सफलता नहीं मिली. साल 2016 से इस्लामिक स्टेट इराक और सीरिया में हवाई हमले करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. साल 2019 में यूरोपीय संघ के सुरक्षा आयुक्त जूलियन किंग ने चेतावनी दी थी कि आतंकी संगठन ड्रोन का इस्तेमाल करके यूरोपीय शहरों को तबाह कर सकते हैं.


ड्रोन कितने तरह के होते हैं?



  • नेनो ड्रोन्स- 250 ग्राम तक

  • माइक्रो ड्रोन्स- 250 से दो किलो तक

  • मिनी ड्रोन्स- दो किलो से 25 किलो तक

  • स्माल ड्रोन्स- 25 किलो से 150 किलो तक

  • लार्ज ड्रोन्स- 150 किलो से ज्यादा


देश में ड्रोन्स को लेकर क्या गाइडलाइन्स हैं?


देश में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन उड़ाने पर कई प्रतिबंध लगा रखे हैं. ड्रोन के वजन और साइज के मुताबिक इन प्रतिबंधों को कई कैटेगरी में बांटा गया है.



  • नेनो ड्रोन्स- इसको उड़ाने के लिए आपको लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी.

  • माइक्रो ड्रोन्स- इसको उड़ाने के लिए UAS Operator Permit-I से परमिशन लेनी होती है और ड्रोन पायलट को SOP को फॉलो करना होता है.

  • इनसे बड़े ड्रोन उड़ाने के लिए डीजीसीए से परमिट की जरूरत पड़ती है. साथ ही अगर आप किसी प्रतिबंधित जगह पर ड्रोन उड़ाना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपको डीजीसीए से परमिशन लेनी पड़ेगी. बिना परमिशन के ड्रोन उड़ा गैरकानूनी है और इसके लिए ड्रोन ऑपरेटर पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है.


ड्रोन उड़ाने का लाइसेंस कैसे मिलेगा?


नैनो ड्रोन्स के अलावा किसी तरह के ड्रोन्स को उड़ाने के लिए लाइसेंस या परमिट की जरूरत पड़ती है.


ड्रोन उड़ाने के लिए दो तरह के लाइसेंस दिए जाते हैं-



  • पहला- स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस

  • दूसरा- रिमोट पायलट लाइसेंस


उम्र-


इन दोनों लाइसेंस को पाने के लिए ड्रोन ऑपरेटर की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 65 साल होनी चाहिए.


शिक्षा-


लाइसेंस के लिए ऑपरेटर कम से कम 10वीं पास हो या 10वीं क्लास के बराबर उसके पास किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से डिग्री हो. हालांकि आवेदन करने वाले व्यक्ति को डीजीसीए स्पेसिफाइड मेडिकल एग्जामिनेशन भी पास करना होता है. लाइसेंस के लिए आपका बैकग्राउंड भी चेक होता है.


बिना लाइसेंस या प्रतिबंधित जगह ड्रोन उड़ाने पर कितने जुर्माने का प्रावधान?



  • बिना लाइसेंस उड़ाने पर 25000 रुपए का जुर्माना.

  • नो-ऑपरेशन जोन में उड़ान भरने पर 50000 रुपए का जुर्माना.

  • ड्रोन का थर्ड पार्टी बीमा होना भी जरूरी है, न होने पर 10000 रुपए का जुर्माना लग सकता है.


यह भी पढ़ें-


Explained: हीरे चाहिए या ऑक्सीजन? MP में बक्सवाहा हीरा खदान को लेकर विरोध | पूरा मामला समझिए


New TDS Rule: 1 जुलाई से लागू होंगे नए टीडीएस नियम, जानिए इससे जुड़ी जरूरी बातें