Explained: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के खिलाफ दुनिया के कितने देशों ने जताया विरोध, किसने इंडियन प्रोडक्ट्स को किया बैन
ईरान, कुवैत, कतर और पाकिस्तान समेत कई देशों ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी के खिलाफ भारतीय राजदूत को समन किया. जानिए दुनिया के कितने देशों ने टिप्पणी पर विरोध जताया है.
Prophet Mohammad Controversy: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने को लेकर बीजेपी (BJP) ने भले ही प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को सस्पेंड और नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया हो, लेकिन उनके खिलाफ देश और खाड़ी देशों में शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष भी बीजेपी पर हमलावर है और उन्हें जेल भेजने की मांग पर अड़ा हुआ है. सत्तारूढ़ दल को जहां घरेलू स्तर पर ज्यादा आलोचना का सामना करना पड़ा, वहीं इसका राजनयिक असर भी होता दिख रहा है. ईरान, कुवैत, कतर और पाकिस्तान समेत कई देशों ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी के खिलाफ भारतीय राजदूत को समन किया. जानिए दुनिया के कितने देशों ने टिप्पणी पर विरोध जताया है और किसने इंडियन प्रोडक्ट्स को बैन किया.
किन-किन देशों ने जताया विरोध?
- कतर
- ईरान
- इराक
- कुवैत
- इंडोनेशिया
- सऊदी अरब
- संयुक्त अरब अमीरात
- बहरीन
- अफगानिस्तान
- पाकिस्तान
- जॉर्डन
- ओमान
- लीबिया
- मॉलदीव
57 सदस्य वाले इस्लामी सहयोग संगठन ने भी की निंदा
पैगंबर मोहम्मद के बारे में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणियों पर मुस्लिम देश लगातार आपत्ति जता रहे हैं. रविवार को कतर ने सबसे पहले इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई थी, जिसके बाद से कुवैत, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान समेत करीब 15 देश भारत के सामने आपत्ति जता चुके हैं. 57 सदस्य वाले इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भी पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी की कड़ी निंदा की. ओआईसी ने संयुक्त राष्ट्र से भारत के मुसलमानों को अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी उपाय करने का भी आग्रह किया है.
कुछ अरब देशों ने अपने अपने सुपर स्टोर्स में इंडियन प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया. एक कुवैती सुपरमार्केट ने भारतीय उत्पादों को अपने शेल्फ से हटा लिया. कुवैत सिटी के ठीक बाहर सुपरमार्केट में, चावल के बोरे और मसालों और मिर्च की अलमारियों को प्लास्टिक की चादरों से ढक दिया गया. वहां अरबी में लिखा हुआ है, ''हमने भारतीय उत्पादों को हटा दिया है.'' कुवैत के अलावा सऊदी अरब और बहरीन में भी भारतीय समानों का बॉयकॉट किया गया.
भारत सरकार ने क्या कहा?
कूटनीतिक विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए कतर और कुवैत में भारतीय दूतावास के प्रवक्ताओं ने कहा कि राजदूतों ने इस बात को व्यक्त किया है कि “ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. ये हाशिए पर पड़े तत्वों के विचार हैं.”
बीजेपी ने क्या कहा?
नुपूर शर्मा को लिखे पत्र में बीजेपी केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने कहा, "आपने विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं, जो पार्टी के संविधान के नियम 10 (ए) का स्पष्ट उल्लंघन है. मुझे आपको यह बताने का निर्देश दिया गया है कि आगे की जांच लंबित रहने तक आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से और आपकी जिम्मेदारियों/कार्यो से निलंबित किया जाता है.
नूपुर ने बयान जारी कर मांगी माफी
हालांकि इसके बाद नूपुर शर्मा ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी करने को लेकर माफी मांग ली थी. नूपुर ने लिखा, ''मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी,जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था. मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है. दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं. जाओ जा के पूजा कर लो. मेरे सामने बार बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं. अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापिस लेती हूं. मेरी मंशा किसी को कष्ठ पहुंचाने की कभी नहीं थी.''
कौन हैं नूपुर शर्मा?
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ीं नूपुर शर्मा पहली बार तब चर्चा में आईं, जब वह 2008 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष बनीं. दिल्ली की रहने वाली शर्मा (37) ने हिंदू कॉलेज से स्नातक करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विधि संकाय से कानून की पढ़ाई की. आगे के अध्ययन के लिए, वह ‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ गईं और कानून की पढ़ाई की. शर्मा बीजेपी की युवा शाखा में शामिल हो गईं और वहां कई साल बिताने के बाद, उन्हें दिल्ली इकाई की प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया. शर्मा 2015 में केजरीवाल के खिलाफ चुनाव हार गईं, लेकिन वह पार्टी में एक जाना-पहचाना चेहरा बन गईं. पेशे से वकील शर्मा को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की टीम में पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया. टीवी चैनल पर बहस के दौरान वह एक तेजतर्रार प्रवक्ता और हिंदुत्व की मुखर पैरोकार के रूप में दिखाई दीं.