Bjp president election process: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में 1980 में स्थापित हुई भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2014 से ही केंद्र की सत्ता में है. इस पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में अकेले ही 300 से ज्यादा सीटें जीत ली थीं. राज्यसभा में भी उसका 93 सीटों पर कब्जा हो गया. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का दावा है कि मौजूद समय में उनकी पार्टी दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है.
बीजेपी का कहना है कि इस वक्त उसके 18 करोड़ सदस्य हैं. बीजेपी के संविधान के मुताबिक, पार्टी का कामकाज संभालने के लिए एक अध्यक्ष की व्यवस्था की गई है. मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष नड्डा का कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा है. ऐसे में यहां हम जानेंगे कि बीजेपी के अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है और उसका टर्म कितने साल का होता है, साथ ही कोई एक चेहरा लगातार कितने साल तक अध्यक्ष पद पर रह सकता है?
भारत की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी में अध्यक्ष (Bjp president) पद के चुनाव के लिए पार्टी के संविधान में ही स्पष्ट निर्देश हैं. इसके लिए लंबी प्रक्रिया का जिक्र है. बीजेपी के संविधान की धारा-19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था की गई है.
2020 में जेपी नड्डा को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जिम्मा सौंपा गया, तब यह कहा गया कि वे अगले तीन साल तक पार्टी अध्यक्ष रहेंगे. बता दें कि, नड्डा को बीजेपी के 11वें अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. उनका पूरा नाम जगत प्रकाश नड्डा है और वे हिमाचल प्रदेश से आते हैं.
बीजेपी में ऐसे होता है अध्यक्ष पद का चुनाव
भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पार्टी के संविधान में स्पष्ट निर्देश हैं. बीजेपी के संविधान की धारा-19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था की गई है. धारा-19 मुताबिक, पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा. इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के वर्णित सदस्य होंगे. पार्टी के संविधान में कहा गया है कि यह चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक किया जाएगा.
कौन बन सकता है BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष
बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के लिए यह जरूरी है कि उक्त व्यक्ति कम से कम 15 वर्ष तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो. यानी वो कम से कम 4 अवधियों तक सक्रिय सदस्य रहा हो. धारा-19 के पेज में ही यह लिखा गया है कि निर्वाचक मंडल में से कुल 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव रखेंगे. यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम 5 ऐसे प्रदेशों से भी आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों. इसके अलावा इस तरह के चुनाव के लिए नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति भी जरूरी है.
3-3 वर्ष के लगातार 2 कार्यकाल तक ही अध्यक्ष
कोई एक चेहरा कितने टर्म/कार्यकाल तक अध्यक्ष रह सकता है, इस बारे में भी बीजेपी की आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी दी गई है. पार्टी के संविधान की धारा 21 के मुताबिक, कोई भी सदस्य 3-3 वर्ष के लगातार 2 कार्यकाल तक ही अध्यक्ष रह सकता है.
प्रत्येक कार्यकारिणी, परिषद, समिति और उसके पदाधिकारियों तथा सदस्यों के लिए भी 3 वर्ष की अवधि तय की गई है. पार्टी के संविधान के मुताबिक, बीजेपी का सदस्य बनने के लिए मुख्य शर्त यह भी है कि व्यक्ति 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का होना चाहिए. साथ ही उसका किसी अन्य दल से जुड़ाव नहीं हो.
बीजेपी अब दुनिया की सबसे बड़ी सियासी पार्टी
भारतीय जनता पार्टी (BJP) का मूल श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में शुरू किया गया भारतीय जनसंघ ही माना जाता है. यद्यपि शुरुआत में यह पार्टी असफल रही और 1984 के आम चुनावों में केवल 2 लोकसभा सीटें जीती. उसके बाद इस पार्टी ने रफ्तार पकड़ी.
कांग्रेस को हार मिली तो अटल वाजपेई (Atal bihari vajpayee) 3 बार प्रधानमंत्री बने. हालांकि, उनके बाद 2014 तक बीजेपी फिर सत्ता से बाहर रही. 2014 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बड़ी जीत दर्ज की. भाजपाइयों का दावा है कि, भारतीय संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में अब यह भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है.
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